स्वयंभू बाबा दाती महाराज पर लगे रेप केस के आरोपों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर अदालत ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। दरअसल इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दाती महाराज केस सीबीआई के पास भेजा जाए। हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए दाती महाराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दाती महाराज के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि अभी दिल्ली हाईकोर्ट में मामला लंबित है, ऐसे में आप हाईकोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखें। सुनवाई के दौरान दाती महाराज के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ही सीबीआई जांच का आदेश दे दिया और हाईकोर्ट में पीड़िता मुख्य याचिकाकर्ता नहीं बल्कि एक एनजीओ मुख्य याचिकाकर्ता है।
दरअसल, दाती महाराज ने दिल्ली हाईकोर्ट के 3 अक्टूबर के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने दाती महाराज के खिलाफ रेप मामले की जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से सीबीआई के हवाले कर दिया था। आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने सीबीआई को दोबारा जांच कर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने का भी निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने दाती महाराज की गिरफ्तारी न होने पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को फटकार भी लगाई थी। पीड़िता ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच और दाती की गिरफ्तारी की मांग की थी।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रेप मामले में दाती महाराज के खिलाफ साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। दाती महाराज की बिना गिरफ्तारी के ये चार्जशीट दाखिल की गई थी। दाती और उसके तीन सौतेले भाइयों का नाम भी चार्जशीट के कॉलम नंबर 11 में आरोपी के तौर पर रखा गया था. क्राइम ब्रांच को दाती को गिरफ्तार करने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे। क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने पाली आश्रम में जिन तीन तारीखों पर उसके साथ रेप होने की FIR दर्ज कराई थी, उसमे से एक तारीख को लड़की पाली में मौजूद नहीं थी बल्कि अजमेर में अपने कॉलेज में मौजूद थी, जिसके सबूत कॉलेज में पीड़िता की उपस्थिति से पता लगे है।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित युवती की शिकायत पर फतेहपुरी बेरी थाने की पुलिस ने 7 जून को दाती और उसके तीन भाइयों अशोक, अर्जुन और अनिल के खिलाफ रेप के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि कथित आरोपियों ने साल 2016 में यहां और राजस्थान स्थित अपने आश्रम में ‘चरण सेवा’ के नाम पर उसका यौन शोषण किया। आरोप के मुताबिक युवती पर पेशाब पीने तक का दबाव बनाया गया। 12 जून को यह केस स्थानीय पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था।