हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में 34 फीसदी सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई है। जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि निचले स्तर पर लोकतंत्र काम नहीं कर रहा है। न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह बुधवार तक ऐसी सीटों के सही आंकड़ें उपलब्ध कराये।
जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वाली इस पीठ ने कहा कि यह परेशान करने वाली बात है कि 48650 ग्राम पंचायत सीटों में से 16 हजार सीटों पर एक के सिवा कोई दूसरा प्रत्याशी मुकाबले में ही नहीं उतरा। पीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग को बुधवार तक वास्तविक सांख्यकीय आकड़े पेश करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में इस साल मई में ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति की 58692 सीटों के लिये हुए चुनाव में 20,159 पर चुनाव लड़ा ही नही गया। इन चुनावों में काफी हिंसा हुई थी। इनमें संवेदनशील माने जा रहे बीरभूम, बांकुरा और मुर्शीदाबाद जैसे जिले भी शामिल हैं। चुनाव में ग्राम पंचायत की 48650 सीटों के अलावा जिला परिषद की 825 और पंचायत समिति सदस्य की 9217 सीटें थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस फैसले पर भी सवाल उठाए जिसमें पहले उसने नामांकन दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई और एक दिन में ही उस आदेश को वापस ले लिया। सुप्रीम कोर्ट में भाजपा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कहा कि चुनाव में हिंसक घटनाएं हुई और लोगों को नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया। उन्होंने जिलावार उन सीटों का ब्योरा भी पेश किया जहां किसी ने चुनाव में भाग नहीं लिया।
बता दें कि इसी वर्ष 14 मई को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए वोट डाले गए थे। उस वक्त चुनावों में गुंडागर्दी और धांधली की तस्वीरें आपने ज़रूर देखी होंगी. उस वक़्त ज़ी न्यूज़ ने भी इस मुद्दे को उठाया था। इन पंचायत चुनावों 34 प्रतिशत उम्मीदवार बिना किसी विरोध के अपना चुनाव जीत गये थे।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो आज सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बहुत ही सख्त टिप्पणियां की हैं और सवाल पूछे हैं। आपको याद होगा कि मई में हुए इन पंचायत चुनावों में ज़बरदस्त हिंसा हुई थी और 13 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें राजनीतिक हत्याएं भी शामिल थीं। कई जगहों पर प्रत्याशी अपना नामांकन भी दाखिल नहीं कर पाए थे और उन्हें मजबूरी में व्हाट्सप्प के ज़रिए नामांकन भरना पड़ा था। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है जैसे – पश्चिम बंगाल को कुछ हिंसक लोगों ने हाईजैक कर लिया है।