दिल्ली के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजकुमार चौहान शनिवार को भाजपा में शामिल हो गये। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की सात लोकसभा सीटों पर मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस छोड़ी है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली की सीट से टिकट न दिये जाने के बाद से चौहान कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को इस सीट से टिकट दी है।
चौहान ने कहा, ‘‘उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से जिस तरह से मुझे टिकट देने से इंकार किया गया, उससे जनता में नाराजगी थी।’’
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शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे चौहान केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का चौहान का फैसला इस पार्टी की नीतियों का ‘‘पर्दाफाश’’ करता है।
चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के चुनाव बोर्ड द्वारा तैयार उम्मीदवारों की अंतिम सूची में उनका नाम शामिल था लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के एक पदाधिकारी ने उनका नाम हटा दिया।
वह 1993 से चार बार मंगोलपुर से विधायक रह चुके हैं। उन्हें 2013 और 2015 विधानसभा चुनावों में आप की राखी बिडलान ने हराया था।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि चौहान अपने समर्थकों का वोट पार्टी में लाकर लोकसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में नेतृत्व का अभाव है और उन्होंने कांग्रेस की दिल्ली इकाई प्रमुख शीला दीक्षित की बढती उम्र के कारण ‘‘स्मृति लोप’’ का हवाला देते हुए उनकी भूमिका पर सवाल उठाए।
दिल्ली कांग्रेस प्रवक्ता जितेंद्र कोच्चर ने कहा कि चौहान पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता हैं और यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि वह भाजपा में शामिल हो गये।
चौहान ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों में भरोसा है और वह भाजपा के साथ अपने खटीक समुदाय को मजबूती से जोड़ने के लिए काम करेंगे।