अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए श्रीनगर प्रशासन ने रविवार को शहर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया है। अलगाववादियों ने जमात-ए-इस्लामी (जेई) के 150 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। घाटी में तनाव और बंद के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो उसके लिए भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है।
पूरे श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादियों के समूह संयुक्त प्रतिरोधी नेतृत्व ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। पुलिस के मुताबिक, रैनावारी, नौहट्टा, खानयार, एम आर गंज और सफा कदल इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए हैं।
J&K : श्रीनगर में 14 साल बाद हुई बीएसएफ की तैनाती
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर में राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) के भारी दल तैनात किए गए हैं। जेआई के प्रमुख अब्दुल हामिद फयाज समेत संगठन के कार्यकर्ताओं को दो दिन पहले कश्मीर घाटी में गिरफ्तार कर लिया गया था। अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक को भी शुक्रवार को ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया था।
बंद से पहले प्रदेश के प्रशासन ने ईंधन और जरूरत के सामान की आपूर्ति का आदेश दिया है। शनिवार को पूरे घाटी में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें दिखी। लोगों ने वाहनों में ईंधन और जरूरी सामान का भंडारण शुरू कर दिया है। साथ ही सरकार ने बड़ी संख्या में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ अभियान चलाया है।
जानकारी के मुताबिक 150 से अधिक अलगाववादियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस ने इसे नियमित प्रक्रिया करार देते हुए कहा कि कुछ नेताओं और संभावित पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है।