अमेरिका में अफगानिस्तान के राजदूत ने हाल में जलालाबाद में हुए आतंकी हमले में मारे गए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए आयोजित एक स्मृति सभा में यहां कहा कि हिंदू और सिख अफगानिस्तान के मूल निवासी हैं ना कि भारत से आए प्रवासी।
जलालाबाद में एक जुलाई को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से मुलाकात करने जा रहे सिखों और हिंदुओं के काफिले को निशाना बनाकर किए गए एक आत्मघाती हमले में कम से कम 19 लोग मारे गए थे जिनमें से 18 हिंदू और सिख थे। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन ने ली थी।
अफगान राजदूत हमदुल्लाह मोहिब ने रविवार को दूतावास में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहा, ‘‘ यह ऐसा मौका है जो हमें साथ लाया है ताकि हम उस समुदाय को पहचान सकें जिसकी अफगानिस्तान में जड़ें बहुत गहरी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कई लोगों का मानना है कि अल्पसंख्यक हिंदू और सिख भारत से आए प्रवासी हैं। लेकिन वास्तविकता में अफगानिस्तान के हिंदू और सिख वहां के मूल निवासी हैं।’’
अमेरिकी कांग्रेस में पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने इस मौके पर पढ़े गए एक वक्तव्य में कहा कि यह बर्बर हमला इस बात का उदाहरण है कि दुनिया में आज भी खौफ, धर्मान्धता और घृणा कायम हैं।