नई दिल्ली: 17 साल पुराने मामले में अपनी पत्नी की हत्या के दोषी टीवी एंकर तथा निर्माता सुहैब इलियासी आज बरी हो गए। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुहैब इलियासी की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें उनकी पत्नी की हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। सुनवाई अदालत ने सुहैब इलियासी को दोषी करार देकर उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। टीवी शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के होस्ट सुहैब इलियासी को पत्नी की हत्या के 17 साल पुराने मामले में दिल्ली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अदालत ने इस मामले में इलियासी को 17 दिसंबर को दोषी करार दिया था।
दरअसल, 11 जनवरी, 2000 को अंजू इलियासी की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई थी। उनके शरीर पर चाकू से वार किए जाने के जख्म थे। शुरुआत में अंजू की मौत को खुदकुशी समझा गया। लेकिन कुछ महीने बाद अंजू की मां और बहन ने एसडीएम के समक्ष बयान दिया कि सुहैब ने अंजू को खुदकुशी के लिए मजबूर किया। इलियासी को शुरू में अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने (जो उसकी मौत का कारण बना) के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हालांकि सुहैब ने इसका पुरजोर तरीके से खंडन किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तय नहीं हो पाया कि अंजू खुदकुशी की थी या उनकी हत्या की गई। इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब अंजू की मां ने मांग की कि सुहैब पर हत्या का मामला चलाया जाए। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 2014 में निर्देश दिया कि सुहैब पर मर्डर का केस चलाया जाए। साल 2000 में ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ शो को लेकर इलियासी का करियर पूरे शबाब पर था। यह टीवी शो भगोड़े अपराधियों पर आधारित था और यह देश का इस तरह का पहला टीवी शो था।
गिरफ्तारी के बाद रिहा होने पर सुहैब ने इसी तरह का एक और शो शुरू किया, लेकिन इस बार यह शो ज्यादा नहीं चल सका। सुहैब इलियासी एक ऐसे पत्रकार के रूप में जाने जाते रहे, जिन्होंने क्राइम पत्रकारिता को एक नये मुकाम पर पहुंचा दिया और खोजी पत्रकारिता का एक नया मानक स्थापित किया। एक समय था, जब इनके शो को देखकर अपराधी खौफ खाया करते थे।
सुहैब इलियासी की पढ़ाई जामिया मिल्लिया विश्वविद्याल से हुई है। यहां से उन्होंने 1989 में पत्राकारिता की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सुहैब अंजू से मिले थे। अंजू भूमिहार परिवार से ताल्लुक रखती थीं। जामिया में मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुहैब लंदन चले गए जहां उन्होंने 1991 में टीवी एशिया में काम किया। जल्द ही वो इस चैनल के प्रोग्राम प्रोड्यूसर बन गए। इसी बीच 1993 में सुहैब और अंजू ने स्पेशल कोर्ट मैरिज एक्ट के तहत शादी रचा ली। 1995 में पत्नी अंजू के साथ मिलकर सुहैब ने क्राइम शो बनाया। मगर इंडिया में सभी चैनलों ने उसे दिखाने से इनकार कर दिया। नब्बे के दशक में कोई भी टीवी चैनल इस तरह के शो को दिखाने के लिए तैयार नहीं था। मगर बाद में काफी मान-मनौव्वल के बाद जी टीवी ने उनके शो को प्रसारित करने के लिए तैयार हो गया।