सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया है। संघों ने एक संयुक्त बयान में सोमवार को जानकारी दी कि करीब लाखों की संख्या में कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने 10 केंद्रीय श्रमिक संघों की एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा कि मंगलवार से शुरू हो रही दो दिन की हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने हाथ मिलाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार की जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र के लोगों के इस हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है।
कौर ने कहा कि हम बुधवार को नई दिल्ली में मंडी हाउस से संसद भवन तक विरोध जुलूस निकालेंगे। इसी तरह के अन्य अभियान देशभर में चलाए जाएंगे। कौर ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संघ एकतरफा श्रम सुधारों का भी विरोध करती हैं। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को श्रम संहिता पर सुझाव दिए थे। लेकिन चर्चा के दौरान श्रमिक संघों के सुझाव को दरकिनार कर दिया गया।
हमने दो सितंबर 2016 को हड़ताल की। हमने नौ से 11 नवंबर 2017 को ‘महापड़ाव’ भी डाला, लेकिन सरकार बात करने के लिए आगे नहीं आई और एकतरफा श्रम सुधार की ओर आगे बढ़ गई। इस हड़ताल में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हो रहे हैं।
हड़ताल से अरबों का कारोबार प्रभावित होने की संभावना
इस बंद से न केवल बैंक बल्कि बस, ट्रेन, ऑटो, बाजार और अन्य जगह पर असर पड़ने की संभावना है। बंद से अरबों रुपये का कारोबार भी प्रभावित होने की संभावना है। इस वजह से बुलाया गया बंद मजदूर संगठन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बंद करेंगे। संगठनों का आरोप है कि नोटबंदी, जीएसटी से व्यापारियों को काफी मुश्किल से अपना व्यापार करना पड़ रहा है और केंद्र सरकार व्यापारियों के खिलाफ दमनकारी नीति चला रही है।
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किसान भी हुए लामबंद : मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की किसान सभा से जुड़े किसान भी इस बंद में हिस्सा लेंगे। वहीं इस बंद के दौरान देश भर में रेल रोको आंदोलन भी चलाया जाएगा। किसानों का संपूर्ण कर्ज माफी व 3500 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की मांग व कई मुद्दे इस हड़ताल में शामिल किए गए है।
किसानों के समर्थन पर उन्होंने कहा कि इसमें आम लोग, श्रमिक, प्राइवेट कर्मी शामिल हो रहे हैं। इसी को देखते हुए किसानों ने अपना समर्थन दिया है। क्योंकि वह भी परेशान हो चुके हैं। किसान अपने-अपने क्षेत्रों में रोड जाम करेंगे जिससे कि देशव्यापी हड़ताल सफल हो सके।सीआईटीयू के महासचिव तपन सेन ने बताया कि इस आंदोलन में पब्लिक सेक्टर, लघु उद्योग बंदरगाह पर काम करने वाले कर्मी, बैंक कर्मी इंश्योरेंस कर्मी शामिल होंगे।