लगता है भाजपा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। एक तरफ जहां राफेल डील, यौन शोषण और अब एक सर्वे ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। महाराष्ट्र में पार्टी द्वारा किए गए आंतरिक सर्वे में आठ सांसदों और 40 विधायकों के दोबारा जीत हासिल नहीं करने की आशंका जताई गई है। इस सर्वे के बाद भाजपा के शीर्ष नेताओं की नींद उड़ी हुई है। दरअसल, भाजपा ने सांसदों और विधायकों को लेकर एक आंतरिक सर्वे कराया था। इस सर्वे के तहत उनके कामकाज की समीक्षा की गई। सर्वे में लोगों से उनके जनप्रतिनिधियों के कामकाज के बारे में राय पूछी गई, साथ ही यह पूछा गया कि क्या आप अपने मौजूदा सांसद या विधायक को दोबारा मौका देना चाहेंगे।
इस सर्वे में सोलापुर के सांसद शरद बंसोडे, धुले के सांसद सुभाष भामरे और रक्षा खडसे की कार्यशैली को लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। भाजपा के लिए मुश्किलें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन को लेकर भी हैं। सर्वे रिपोर्ट और पार्टी का आतंरिक आंकलन इस ओर संकेत कर रहा है कि अगर दोनों मुख्य विपक्षी पार्टियों का गठबंधन होता है तो भाजपा के लिए हालात अनुकूल नहीं रहेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दादाराव दानवे के अनुसार पार्टी समय-समय पर इस तरह के सर्वे करती रहती है। इसका चुनाव से या टिकट से कोई सरोकार नहीं है. उनका कहना है कि इस तरह के सर्वे कामकाज में गलतियों और कमियों को सुधारने की दृष्टि से किया जाता है। उन्होंने सर्वे में सांसदों और विधायकों का कामकाज अच्छा नहीं होने की बात को भी खारिज करते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधि बेहतर काम कर रहे हैं।