सुरंग से मजदूरों को बचाने की राह में कई मुश्किले, NDMA ने बताई यह वजह

सुरंग से मजदूरों को बचाने की राह में कई मुश्किले,  NDMA ने बताई यह वजह
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Silkyara Tunnel सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को बचाने के लिए की जा रही 'ड्रिलिंग' में तीन-चार और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के सदस्य ले. जनरल (रि.) सय्यद अता हसनैन ने बताया कि यह बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन है। हम हर हाल में सिलक्यारा सुरंग में फंसे बहादुर मजदूरों को बाहर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जगह से इक्यूपमेंट मंगाए जा रहे हैं। इस काम में सरकार की हर एजेंसी लगी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें, ओडिशा, छत्तीगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस बचाव अभियान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है।

HIGHLIGHT 
   1  रात भर पाइप काटने में निकल गया 
   2 NDMA ने बताई यह वजह   
   3 रात भर पाइप काटने में निकल गया 

रात भर पाइप काटने में निकल गया
Silkyara Tunnel उन्होंने कहा कि कल से अब तक प्रोग्रेस यह है कि पाइप अभी तक आगे नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अभी ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हुआ है। एक स्टील पाइप मलबे में गिर गया है। ले. जनरल (रि.) अता हसनैन ने कहा कि गैस कटर से उन्हें काट कर आगे बढ़ने के क्रम में आखिरी पाइप में एक बैंड आ गया है। ऐसे में ऑगर मशीन अंदर नहीं जा पा रही है। इसके बाद उस पाइप को काटना पड़ा। रात भर उस पाइप को काटने में ही लग गया। ऑगर में इतना जोर पड़ा था कि जो उसका बेस था, उसका नट-बोल्ट निकल गया। इसे रिसेट करना पड़ा। ऐसे में सिमेंटिंग के साथ सेट करना पड़ता है। ऐसे में जल्दी सूखने वाले सीमेंट का यूज किया गया।

कुछ घंटों में शुरू होगी ड्रिलिंग
ले. जनरल (रि.) हसनैन ने कहा कि अभी पाइप की पुशिंग हो रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सब कुछ ठीक रहा तो ऑगर से ड्रिलिंग का काम फिर से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पाइप की वेल्डिंग हो रही है। ऐसे में थोड़ा समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि एक ग्राउंड पैनेटेटिंग रेडार का यूज किया जा रहा है। इसके जरिये धरती के पांच मीटर अंदर देखा जा सकता है। इससे आगे आने वाली अड़चनों का पता लगाया जा सकता है। अब 5 मीटर तक कोई बाधा नहीं है। ऐसे में यह बड़ा सकारात्मक डेवलपमेंट है। उन्होंने कहा कि यह बहुत टेक्निकल चीज हैं। उन्होंने कहा कि एक गुजांइश से काफी चीजें बदल जाती हैं।

लोगों में गलतफहमियां ना पैदा होने दे
एनडीएमए ने मीडिया को सलाह दी है कि वह बचाव अभियान पूरा होने की समय सीमा के बारे में अनुमान नहीं लगाए, क्योंकि इससे गलत धारणा बनती है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि ब्रेकिंग न्यूज से बचें। ले. जनरल (रि.) हसनैन ने बताया कि हमारे पर चार अन्य विकल्प भी हैं। उनपर अभी तक पूरी तरह काम शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य वैकल्पिक उपायों पर काम करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से उपकरण मंगाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य और जिला प्रशासन के साथ लगातार बातचीत की गई है। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे उपकरणों को पहुंचने में कम समय लगेगा। इस काम में हर जिला प्रशासन पूरा सहयोग कर रहा है।

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