नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने ईवीएम के मतों की गिनती से पहले वीवीपैट की पर्चियों को गिनने की विपक्षी दलों की मांग को खारिज करते हुये कहा है कि मतगणना, पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही होगी और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में कांग्रेस सहित 22 दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग से वीवीपैट की पर्चियों की गिनती, ईवीएम के मतों की गिनती से पहले करने और ईवीएम तथा वीवीपैट के मतों की गिनती में अंतर पाये जाने पर पूरे विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान करने की मांग की थी।
मौजूदा व्यवस्था में ईवीएम के मतों का किन्हीं पांच मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों से मिलान मतगणना के बाद किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों की मांग पर विचार करने के लिये आयोग की बुधवार को हुयी बैठक में 23 मई को होने वाली मतगणना, पूर्व निर्धारित व्यवस्था के तहत ही करने का फैसला किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र की मतगणना के दौरान ईवीएम के मतों की गिनती के बाद उस सीट के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के किन्ही पांच मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की जायेगी।
इसके अलावा आयोग ने ईवीएम के मतों से वीवीपैट की पर्चियों के मिलान में कोई अंतर पाये जाने पर संबद्ध विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम के मतों से मिलान करने की मांग को भी खारिज कर दिया। समझा जाता है कि आयोग की दलील है कि ऐसा करने से मतगणना बहुत अधिक विलंबित होगी।
इसके मद्देनजर आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही मतगणना कराये जाने का फैसला किया है। इसके तहत मतगणना की शुरुआत केन्द्रीय और राज्य पुलिस बल, सशस्त्र बल और विदेशों में तैनात राजनयिकों एवं कर्मचारियों (सर्विस वोटर) के डाक मतपत्रों की गिनती से होती है। इसके बाद ईवीएम के मतों की गणना की जाती है और इसके बाद ईवीएम के मतों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान किये जाने की व्यवस्था है। ईवीएम के मतों से वीवीपैट की पर्चियों का मिलान नहीं होने पर सिर्फ मिलान वाले मतदान केन्द्र पर वीवीपैट की पर्चियों को मतों की वास्तविक संख्या माना जाता है।