अगले साल (2019) गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हो सकते हैं। भारत ने इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को न्यौता दिया है। हालांकि अमेरिका की ओर से इस पर अभी औपचारिक तौर पर हामी नहीं भरी गई है, पर बताया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन भारत की ओर से मिले इस न्यौते पर गंभीरता व सकारात्मकता से विचार कर रहा है। अमेरिकी प्रशासन अगर इस न्यौते को स्वीकार करता हैं तो इसे विदेश नीति के लिहाज से मोदी सरकार की बड़ी सफलता मानी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस साल अप्रैल माह में ही यह न्योता भेजा था और अभी अमेरिकी सरकार से इस पर आधिकारिक जवाब का इंतजार है।लेकिन ऐसे संकेत मिले हैं ट्रंप प्रशासन इस निमंत्रण पर सकारात्मक तरीके से विचार कर रहा है। यह न्योता भेजने के बाद इस बारे में अब तक कई दौर का राजनयिक स्तरीय संवाद भी हो चुका है। ट्रंप यदि भारत आते हैं तो उनका यह दौरा उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा के दौरे से भी ज्यादा चर्चित होगा। बराक ओबामा साल 2015 में रिपब्लिक डे परेड के चीफ गेस्ट थे।
गौरतलब है कि ट्रंप एक अनिश्चित व्यवहार वाले नेता हैं और दुनिया का हर देश इस समस्या से जूझ रहा है कि इस अस्थिर और चिड़चिड़े स्वभाव वाले नेता के साथ कैसे पेश आया जाए। भारत भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं है।
ट्रेड टैरिफ के मामले में मतभेद, ईरान के साथ भारत के करीबी ऊर्जा और ऐतिहासिक रिश्ते को समझने को तैयार न होना और रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के प्रस्ताव को देखते हुए सब यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या भारत अब भी अमेरिका की प्राथमिकता सूची में है, जैसा कि ओबामा प्रशासन के दौर में था।
मोदी सरकार गणतंत्र दिवस समारोह में दुनिया के दिग्गज नेताओं को बुलाती रही है, यह निमंत्रण भी उसी परंपरा के तहत भेजा गया है। साल 2015 में बराक ओबामा, 2016 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंकोईस होलैंड, 2017 में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और 2018 में आसियान के सभी 10 नेता भारतीय गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे।