भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद बीजेपी की ओर से कई राज्यों में अस्थि कलश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसी पर अटल की भतीजी और वर्तमान कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला ने पलटवार किया और आरोप लगाया कि वह अटली जी की मौत का राजनीतिकरण कर रही हैं। बीजेपी का यह आरोप ऐसे वक्त में आया है जब एक दिन पहले करुणा शुक्ला ने भाजपा पर 2019 लोकसभा चुनाव में फायदा पाने के लिए भारत भर में अस्थियों को विसर्जित कर अटल बिहारी वाजपेयी की मौत का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि वह (करुणा शुक्ला) कांग्रेस के साथ हैं और वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं। यह दुर्भाग्यशाली है. हम इसे राजनीति से कहीं ज्यादा और ऊपर मानते हैं। कोहली ने कहा कि वाजपेयी सबसे लंबे समय तक रहने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें पार्टी लाइन से हटकर भी लोग प्यार करते थे।
आगे उन्होंने कहा कि हम इसे राजनीतिक अभ्यास के तौर पर नहीं देखते हैं। कुछ लोगों ने यह सवाल उठाया है कि बीजेपी देश भर में अटल की अस्थियों को क्यों ले जा रही है। यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ है. यह अटल से पहले कई प्रधान मंत्री के साथ हुआ है। नेहरू और इंदिरा गांधी की अस्थियां भी कई राज्यों में गई थी। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोगों को उनकी श्रद्धांजलि देने का मौका राजनीतिक अवसर नहीं बल्कि सम्मान का प्रतीक है।”
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने यह बात कहा था कि पिछले दस वर्षों से अटल बिहारी वाजपेयी को बीजेपी ने परिदृश्य से पूरी तरह से गायब कर दिया था। अब चूंकि चार राज्यों में बीजेपी की नैया डूबती हुई दिख रही है तो एकाएक बीजेपी को वाजपेयी डूबते को तिनके के सहारे की तरह दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे वाजपेयी के नाम पर बीजेपी की राजनीति से व्यथित हैं।
करुणा शुक्ला ने एक टीवी चैनल से कहा है कि वाजपेयी की मृत्यु के बाद बीजेपी जिस तरह से उनके नाम को राजनीति के लिए भुनाने में जुटी है। उससे वह क्षुब्ध और व्यथित हैं। शुक्ला ने कहा है कि चार राज्यों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही बीजेपी को वाजपेयी के नाम को भुनाने का ध्यान आया है।