सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी दलों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आम चुनाव 2019 में वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम के वीवीपैट सत्यापन को पांच से कम से कम 50% तक बढ़ाने की दिशा में मांग की गई थी।। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की दलील को ठुकरा दिया है।
चुनाव आयोग की दलील के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रत्येक विधानसभा के पांच बूथों पर वीवीपैट का मिलान कराया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
पीठ ने सिंघवी का यह अनुरोध स्वीकार करते हुए कहा था कि पुनर्विचार याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी। विपक्षी दलों की मांग है कि 50 फीसद पर्चियों का मिलान कराया जाए। उनका तर्क है कि इससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। चुनाव आयोग ने जोर देते हुए कहा कि ईवीएम और वीवीपैट को हटाने के लिए हमें धमकाया या हम पर दबाव नहीं बनाया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘हम ईवीएम का प्रयोग जारी रखेंगे। हम वीवीपैट का प्रयोग जारी रखेंगे। हम राजनीतिक दलों सहित सभी पक्षकारों की ओर से ईवीएम के हर प्रकार के फीडबैक और आलोचना को खुले मन से स्वीकार करते हैं। वे सबसे बड़े पक्षकार हैं। ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाले राजनीतिक दलों पर उन्होंने कहा, “मेरा साधारण सा सवाल है कि अगर नतीजे ‘एक्स’ रहते हैं तो (वे कहते हैं) ईवीएम सही है और अगर नतीज ‘वाई’ रहते हैं तो ईवीएम में गड़बड़ी है।
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हमने एक ऐसी मशीन क्यों बनाई, जिसे सार्वजनिक क्षेत्र की उन दो कंपनियों ने बेहद पुख्ता तकनीकी सुरक्षा उपायों से लैस करते हुए बनाया है, जो हमारे देश के रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए बहुत उल्लेखनीय काम कर रही हैं? हम इसे (ईवीएम) फुटबॉल क्यों बना रहे हैं और इस पर छींटाकशी क्यों कर रहे हैं।”
गौरतलब है की आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दुनिया के 191 देशों में से मात्र 18 देशों ने ईवीएम को अपनाया है, जिनमें से 3 देश 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं। नायडू ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और उनमें गड़बड़ी भी पैदा होती है।
इसके अलावा इनकी प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है। उन्होंने यह जानने की मांग की कि नए वीवीपैट में वोटर स्लिप मात्र 3 सेकेंड में कैसे दिखाई देता है, जबकि इसे 7 सेकेंड में दिखाई देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ईवीएम से छेड़छाड़ कर वोट हासिल कर सकती है।