युद्ध के बीच Gaza की महिलाएं ले रही पीरियड्स टालने के लिए दवाएं, चिंताजनक है हालात

युद्ध के बीच Gaza की महिलाएं ले रही पीरियड्स टालने के लिए दवाएं, चिंताजनक है हालात
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इजरायल-हमास जंग के बीच गाजा में रहने वाले लोग अब मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। इजरायल गाजा पर लगातार हमला कर रहा है, ऐसे में लोग अपनी जान बचाने के लिए गाजा को छोड़ सुरक्षित जगहों पर जा रहे है। इस जंग ने सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया है।

दोनों के बीच छिड़ी जंग के कारण कई लोग अभी तक अपनी जान गंवा चुके है। जिसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। वहीं, जो लोग जीवित है वे खाना-पानी, साफ-सफाई आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के बगैर अपना जीवन डर में गुजार रहे हैं।

हालिया हालातों के बीच महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि उनके पास खाना-पानी जैसी परेशानियों के साथ ही पीरियड्स के समय खुद को स्वच्छ भी रखना जरूरी है। जिसे वे बिल्कुल नहीं कर पा रही है। महिलाओं के पास माहवारी के दौरान इस्तेमाल होने वाली सैनिटरी नैपकिन भी नहीं है। वहीं पीरियड्स को टालने के लिए महिलाएं दवाई का भी सहारा ले रही है, जिससे उन्हें स्वस्थ्य संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

हालांकि, चिकित्सा जानकार ऐसे हालातों पर चिंता जता रहे हैं। गाजा के खान यूनिस में नासिर मेडिकल कॉम्प्लेक्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग चिकित्सा सलाहकार डॉ. वालिद अबू हताब ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि गोलियां गर्भाशय की परत को झड़ने से रोकने के लिए प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाती रहती हैं, जिससे माहवारी में देरी होती है।

जानकारों का मानना है कि इस गोली के ज्यादा इस्तेमाल होने से महिलाओं को कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। वहीं, गाजा की रहने वाली सलमा मीडिया से बात करते हुए कहती है कि मैं इस युद्ध के दौरान अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों का अनुभव कर रही हूं। डिप्रेशन की वजह से इस महीने मुझे दो बार माहवारी से गुजरना पड़ा।

बता दें, सलमा गाजा के तेल अव हवा इलाके से भाग कर अल-बलाह रिफ्यूजी कैंप में रह रही हैं। वह कहती हैं कि दुकानों में पर्याप्त मात्रा में सैनिटरी पैड मौजूद नहीं है। मालूम हो, सलमा ने माहवारी की समस्या से परेशान होकर इसे टालने के लिए गोली खा ली थी। सलमा को आशा है कि उन्हें दोबारा इन गोलियों को खाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि जंग जल्द ही खत्म हो जाएगा।

55 साल की समीरा अल सादी बेहद निराश हैं क्योंकि उनकी 15 साल की बेटी को पहली बार माहवारी हुआ है। वह परेशान है कि उनकी बेटी को जरूरी सैनिटरी पैड और पानी जैसी बुनियादी जरूरतें नहीं मिलने पर वह हतास हो जाएगी।

मालूम हो, लोग गाजा को छोड़ रिफ्यूजी कैंप में जाकर शरण ले रहे हैं, ऐसे में एक ही स्थान पर कई लोगों के रहने से महिलाओं के लिए कपड़े बदलने की जगह और प्राइवेसी नामक कोई भी जगह नहीं है।

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