अशोक गहलोत के नाम दर्ज एक और उपलब्धि, कोटा में 1400 करोड़ का रिवर फ्रंट का उद्घाटन

राजस्थान में चुनाव नजदिक है और ऐसे में राज्य में 1400 करोड़ के लागत से बने विशाल रिवर फ्रंट का उद्घाटन किया गया
अशोक गहलोत के नाम दर्ज एक और उपलब्धि, कोटा में 1400 करोड़ का रिवर फ्रंट का उद्घाटन
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राजस्थान में चुनाव नजदिक है और ऐसे में राज्य में 1400 करोड़ के लागत से बने विशाल रिवर फ्रंट का उद्घाटन किया गया। इस परियोजना का उद्घाटन राजस्थान सरकार में बड़े मंत्री शांति धारीवाल ने किया। इस परियोजना को दुनिया का महत्वपूर्ण व पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट परियोजना बताया जा रहा है। वैसे भी, कोटा राजस्थान एक ऐसा जिला है जिसके बारे में राजस्थान के बाहर भी लोग जानते हैं। कारण, आईआईटी की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों के हब के लिए। बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के अलावा लोकसभा के चुनाव भी करीब है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत द्वारा इस महत्वपूर्ण रिवर फ्रंट परियोजना का उद्घाटन करवाना असरकारी साबित हो सकता है। बताया जा रहा है कि‌ यह विशाल रिवर फ्रंट परियोजना का एरिया पांच किमी से भी अधिक में फैला हुआ है। इसकी बनावट बाहर से आने वाले टूरिस्टों को भी आकर्षित करेगी।
चंबल माता की एक ऊंची प्रतिमा स्थापित 
चर्चा है कि इस रिवर फ्रंट परियोजना के साथ चंबल माता की एक ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 240 फीट के करीब होने का दावा किया जा रहा है।‌ इस प्रतिमा के साथ एक विशाल कलश भी बना हुआ है जो कि देखने योग्य होगा।‌इसके अलावा जवाहर घाट भी बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार इस घाट पर भारत के पहले पीएम पं जवाहरलाल नेहरू का गनमेटल से मुखौटा बना हुआ है। फेस मास्क की लंबाई और चौड़ाई बहुत ही अधिक है। इसके अलावा यह भी बता दें कि कोटा बैराज का उद्घाटन नेहरु जी ने ही किया था। इस फेस मास्क के द्वारा रिवर फ्रंट का एक हिस्सा देखा जा सकता है। यह भी बहुत ही सुन्दर तरीके से बनाया गया है। 
हजार टन पत्थर लगने का दावा
रिवर फ्रंट पर एक नंदी घाट भी बनी हुई है। इसकी ऊंचाई बीस फीट के करीब बताई जा रही है। इसमें करीब हजार टन पत्थर लगने का दावा किया जा रहा है। इस प्रतिमा की खासियत है कि यह दूर से ही प्रतीत हो जाता है। इसके अलावा यहां एक ब्रह्मा घाट भी बना हुआ है। खबरों के हवाले से इस घाट पर एक विशाल घंटी भी बनाई गई है। चर्चा है कि इस घंटी की आवाज़ को बहुत दूर खड़ा व्यक्ति भी सुन सकता है। इस घंटी में काफी मात्रा में मेटल प्रयोग में लाया गया है। कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि‌ कोटा रिवर फ्रंट परियोजना विश्व में सबसे अलग और एक रिकार्ड बना चुकी परियोजना है।
पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाएं
जो पर्यटक ट्रेन से आएंगे वो कोटा स्टेशन पर उतर कर वहां से कोई आटो रिक्शा कर आसानी से जा सकते हैं। इसके अलावा बस से आने वाले पर्यटकों को भी यहां तक आने में सुविधाएं होंगी। कोटा स्थित नयापुरा बस स्टैंड से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। बता दें कि इस कोटा रिवर फ्रंट परियोजना में 22 घाट होने का दावा किया जा रहा है। यह परियोजना इतनी बड़ी है कि इसे पूरी तरह घूमने में कम से कम दो दिन का समय तो लग ही सकता है।
चूंकि इसका क्षेत्रफल पांच किमी से भी अधिक है और तो और इसकी बनावट और खूबसूरती ऐसी है कि किसी का भी मन अपनी तरफ आकर्षित कर सकता है। टूरिस्टों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार ने सुरक्षा का भरपूर ध्यान रखा है। 

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