रामायण से है बिहारी बाबू का गहरा नाता
आज बॉलीवुड के शॉट गन यानी शत्रुघ्न सिन्हा का जन्मदिन है, जिन्हें बिहारी बाबू के नाम से भी जाना जाता है। आज वह 72 साल के हो गए हैं। 9 दिसंबर 1945 को बिहार के पटना शहर में जन्में शत्रुघ्न के नाम के पीछे दिलचस्प कहानी बताई जाती है। कहा जाता है कि शत्रुघ्न का नाम रामायण के आधार पर रखा गया था। ये चार भाइयों में सबसे छोटे थे, जिसके चलते इनका नाम शत्रुघ्न रखा गया। रामायण की छाप उनके परिवार में आज भी साफ देखने को मिलती है। क्योंकि उनके बेटों का नाम लव और कुश जबकि बंगले का नाम रामायण है।
अपनी दमदार आवाज के जरिये लोगों को तालिया बजाने पर मजबूर कर देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना साइंस कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद फिल्म जगत में कदम रखने के उद्देश्य से वह पुणे से मुंबई आ गए। काफी मेहनत के बाद उन्हें एक मौका देव आनंद की फिल्म प्रेम पुजारी में मिला, जिसमें वह एक पाकिस्तानी सैनिक की भूमिका में नजर आये।
इंडस्ट्री में नकारात्मक भूमिकाओं के जरिये अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले शत्रुघ्न देखते-देखते कब लोगों के चहेते कलाकार बन गये पता ही नहीं चला। फिल्म कालीचरण उनके लिये मील का पत्थर साबित हुई थी। शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा की प्रेम कहानी कुछ यूं बताई जाती है और कहा जाता है कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पूनम को चलती हुई ट्रेन में फिल्म पाकीजा के डायलॉग अपने पांव जमीन पर मत रखिएगा को कागज पर लिखकर प्रपोज किया था।
शत्रुघ्न सिन्हा और महानायक अमिताभ बच्चन अच्छे दोस्त हैं लेकिन एक दौर ऐसा भी आया था जब उनके बीच प्रतियोगिता चल रही थी। दरअसल, फिल्म शोले में एक किरदार वह भी करने वाले थे लेकिन बाद में उन्होंने मना कर दिया था। हालांकि बीच में उनकी दोस्ती में खटास भी आई, जब अभिषेक की शादी में उन्हें न्योता नहीं मिला था। फिलहाल फिल्मों के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा ने रजनीति में भी किस्मत आजमाई और फिल्मों की तरह यहां पर भी सफलता हासिल की।
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