राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा प्राप्त कर किसी प्रकार का अहंकार नहीं पालना चाहिए। अजमेर में एक स्कूल के वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा जीवन को गढ़ती है और वही समाज आगे बढ़ता है जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होता है।
एक सरकारी बयान के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा की नींव विद्यालय ही तैयार करते हैं तथा विद्यालय केवल शिक्षा प्रदान करने के केन्द्र ही नहीं होते बल्कि वे संस्कार निर्माण की पाठशाला के रूप में भी जाने जाते हैं।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा समस्त प्रकार के बन्धनों से मुक्त कराती है। इसके बहुत गहरे अर्थ हैं। हम उदात्त जीवन मूल्यों की ओर प्रवृत्त हों। शिक्षा प्राप्त करने के बाद हम उसे पाने का अहंकार नहीं पाले। हम बहुत अच्छा करें परन्तु अपने किए पर कभी अभिमान नहीं करें। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमारा सर्वोच्च विधान ग्रंथ ही नहीं है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्य की उदार दृष्टि का संवाहक है। उनका कहना था कि संविधान निर्माण के पीछे की मूल मानसिकता लोकतंत्र के मूल्यों में विश्वास जगाती है।