वित्त मंत्रालय ने कहा कि हमारे देश में लोग पहले की तुलना में कम पैसे बचा रहे हैं और घर और कार जैसी चीजें खरीदने के लिए भी पैसे उधार ले रहे हैं। मंत्रालय ने गुरुवार को बढ़ते कर्ज के बीच देश में घरेलू बचत के कई दशक के निचले स्तर पर पहुंचने को अर्थव्यवस्था में संकट का संकेत बताने से इनकार कर दिया। मंत्रालय ने एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि परिवार अब पहले की तुलना में कम संपत्ति जोड़ रहे हैं।उन्होंने घरों और वाहनों जैसी संपत्ति खरीदने के लिए ऋण लेना शुरू कर दिया है जो संकट का संकेत नहीं है। ये तो भविष्य के रोजगार में विश्वास का संकेत है। उनको लगता है कि आय की संभावना बढ़ेगी।
पांच दशकों में सबसे कम
वित्त मंत्रालय का बयान इस सप्ताह आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मद्देनजर आया है, जिसमें दिखाया गया है कि परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत घटकर सकल घरेलू उत्पाद का केवल 5.1 प्रतिशत रह गई है, जो पांच दशकों में सबसे कम है। आरबीआई के आंकड़ों ने चिंता पैदा कर दी है कि कई परिवारों की आय में गिरावट आई है, जो बढ़ती महंगाई के समय उधार लेने के लिए मजबूर हैं।
वे लोन पर वाहन और घर खरीद रहे
मंत्रालय ने कहा कि मई 2021 से आवास के लिए ऋण में लगातार दो अंकों की वृद्धि हुई है। यह दर्शाता है कि वास्तविक संपत्ति खरीदने के लिए पैसे उठाए गए हैं। मंत्रालय ने कहा, अप्रैल 2022 से वाहन ऋण दोहरे अंक में और सितंबर 2022 से 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ रहा है। घरेलू क्षेत्र किसी तरह के संकट में नहीं है। वे लोन पर वाहन और घर खरीद रहे हैं।
घरेलू बचत में कमी का असली कारण
मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोई परेशानी नहीं है, जैसा कि कुछ हलकों में प्रसारित किया जा रहा है और डेटा इंगित करता है कि विभिन्न वित्तीय उत्पादों के लिए उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकता घरेलू बचत में कमी का असली कारण है। मंत्रालय ने कहा, जून 2020 और मार्च 2023 के बीच, घरेलू सकल वित्तीय परिसंपत्तियों का स्टॉक 37.6 प्रतिशत बढ़ गया, और घरेलू सकल वित्तीय देनदारियों का स्टॉक 42.6 प्रतिशत बढ़ गया — दोनों के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं है।