हैम्बर्ग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और सदस्य देशों से आतंकवाद के खात्मे के लिए साथ आने की अपील की। पीएम मोदी ने अपनी स्टेटमेंट में पाकिस्तान को निशाने पर लिया और कहा कि कुछ देश आतंक और आतंकवादियों का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए करते हैं।
इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के सामने आतंकवाद, इसकी पनाहगहों और फंडिंग के खिलाफ फिर हुंकार भरी। पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के सामने इसे खत्म करने का प्लान पेश किया।
आंतक की पनाहगाहों को नष्ट किया जाना चाहिए : जी-20 सदस्य देश
इसके बाद सभी सदस्य देशों के नेताओं ने साझा बयान में दुनियाभर में हुए आतंकी हमलों की निंदा करने के साथ ही इसके खात्में का संकल्प लिया। सभी नेताओं ने बयान में कहा कि आतंकवाद विश्व के लिए खतरा है और इसके खिलाफ लड़ने के साथ ही आंतक की पनाहगाहों को नष्ट किया जाना चाहिए।
मोदी ने आतंक का समर्थन करने वालों पर किया कड़ा प्रहार
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक और इसका समर्थन करने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए इससे निपटने के लिए प्लान समाने रखा। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में दाएश, अलकायदा, दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और नाइजीरिया में बोको हरम आज के वक्त में आतंकवाद के कुछ नाम हैं। लेकिन इन सब की मूलभूत विचारधार केवत नफरत और नरसंहार है।
यह साइबर स्पेस का उपयोग युवा पीढ़ी को भ्रमित कर अपने संगठनों में भर्ती के लिए कर रहे हैं। मोदी ने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल की तारीफ की।
यह हो वो प्लान
- आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ निवारक कार्रवाई अनिवार्य है। ऐसे देशों के अधिकारियों का जी-20 सम्मेलन में प्रवेश पर प्रतिबंध जरूरी।
- संदिग्ध आतंकवादियों की राष्ट्रीय सूची का जी-20 देशों के बीच आदान-प्रदान और नामांकित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवाई अनिवार्य
- आतंकवादियों से संबंधित प्रभावकारी सहयोग के लिए कानूनी प्रक्रिया जैसे कि प्रत्यर्पण को सरल और ज्यादा तेज करना।
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अपनाया जाना।
- यूनाइटेड नेशन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजॉल्यूशन तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना।
- डी रेडिकलाइजेशन के खिलाफ कार्यक्रमों पर जी-20 द्वारा साझा प्रयास और सबसे अच्छी प्रयासों का लेन-देन।
- एफएटीएफ (फाइनैशल ऐक्शन टास्क फोर्स) तथा अन्य प्रक्रियाओं द्वारा आतंकियों को फंडिंग करने वाले सोर्स और माध्यमों पर प्रभावशाली प्रतिबंध।
- एफएटीएफ की तरह ही हथियारों पर रोक के लिए वेपंज ऐंड एक्प्लोसिव ऐक्शन टास्क फोर्स (WEATF) का गठन, ताकि आतंकवादियों तक पहुंचने वाले हथियारों के स्रोतों को बंद किया जा सके।
- जी-20 देशों के बीच आतंकवादी गतिविधियों पर केंद्रित साइबर सिक्यॉरिटी क्षेत्र में ठोस सहयोग।
- जी-20 में नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर ऑन काउंटर टेररिज्म के एक तंत्र का गठन।