सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत 8 अक्टूबर तक बढ़ा दी। मामला न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिन्होंने मामले को 9 अक्टूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। जैन की 21 जुलाई को सर्जरी हुई है। जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत समय-समय पर बढ़ाई जाती है।
कुछ शर्तों के साथ दी गई अंतरिम जमानत
शीर्ष अदालत ने 26 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन मीडिया से बात न करने और न ही बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने सहित कई शर्तें लगाईं। शीर्ष अदालत ने जैन को अपने इलाज के लिए अपनी पसंद का कोई भी अस्पताल चुनने का भी अधिकार दिया था। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया था कि अंतरिम जमानत पर चिकित्सीय स्थिति में विचार किया जाता है।
जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
सत्येन्द्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है। उन्होंने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। सत्येन्द्र जैन के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि इसके कारण उनका वजन 35 किलो कम हो गया है और वह कंकाल में बदल गये हैं। जैन ने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।