केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सनातन धर्म पर दिए जा रहे विवादास्पद बयानों पर कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुंबई की बैठक में घमंडिया गठबंधन के दल संयोजक तय नहीं कर पाए, नेता तय नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने अपनी नीति तय कर ली और उनकी नीति है- सनातन धर्म का अपमान करना। इसलिए कभी उदयनिधि स्टालिन, कभी कार्ति चिदंबरम, कभी प्रियंक खड़गे, कभी नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री, कभी अखिलेश यादव के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, कभी अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे गौतम, एक योजना के तहत अलग-अलग समय में इस काम पर लग गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि घमंडिया गठबंधन के नेताओं में भारत की सभ्यता को, मूल आस्था को, सनातन धर्म को, हिंदू धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो गई है।