तालिबान ने अफगानिस्तान में सभी पोलियो टीकाकरण अभियानों पर रोक लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा कि उन्हें निर्धारित सितंबर टीकाकरण अभियान से कुछ दिन पहले ही निलंबन के बारे में सूचित किया गया, हालांकि कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया। तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के प्रतिनिधियों ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। अफगानिस्तान और पाकिस्तान दुनिया के दो ऐसे देश हैं जहां इस बीमारी का प्रसार खत्म नहीं हो पाया है।
पोलियो के मामलों में बढ़ोतरी
अफगानिस्तान में पोलियो उन्मूलन की लगातार कोशिशें हुई हैं। इसके बावजूद देश अभी तक पूरी तरह से इससे मुक्त नहीं हो पाया है।
पिछले तीन साल में देश में पोलियो के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यह विषाणु उन प्रांतों में भी फैल गया जो लंबे समय तक इस रोग से मुक्त रहे थे। यूनिसेफ, लोक स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओपीएच), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर आपातकालीन परिचालन केंद्र (ईओसी) के माध्यम से नए तरीकों की खोज कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक बच्चे तक टीके पहुंचें।
16 प्रांत पोलियो से प्रभावित
अब तक 16 अफगान प्रांत बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जहां वाइल्ड पोलियो वायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) के कुल 56 मामले सामने आए हैं।
अफगानिस्तान का दक्षिणी क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 2020 में देश के कुल पोलियो मामलों में से 66 प्रतिशत सामने आए।
तालिबान द्वारा वर्तमान निलंबन से भविष्य के टीकाकरण प्रयासों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। इससे देश में पोलियो को खत्म करने की जारी लड़ाई को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
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