मराठी रंग मंच से अपने करियर की शुरुआत करने वाले श्रेयस तलपड़े ने बॉलीवुड में अपने अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में अपनी सशक्त अभिनेता की ईमेज बना ली है। इन दिनों श्रेयस अपनी आने वाली फिल्म पोस्टर ब्वायज को लेकर चर्चा में हैं। श्रेयस पहली बार निर्देशन के मैदान में उतरे हैं।
पेश हैं उनकी फिल्म को लेकर हुई वार्ता के प्रमुख अंश:
अपने किरदार के बारे में बताइए?
पोस्टर ब्वायज में मैं रिकवरी एजेंट की भूमिका अदा कर रहा हूं जो अपने बॉस के लिए काम करता है। मैं एक लड़की से प्यार करता हूं और उससे शादी करना चाहता हूं। अचानक एक दिन पता चलता है कि बिना हमारी इजाजत के हमारे फोटो नसबंदी के पोस्टर में छप गए हैं। इसके बाद कहानी में कई नाटकीय मोड़ आते हैं। हमें न्याय पाने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। यही फिल्म में दर्शाया गया है।
अभिनय से अचानक निर्देशन की ओर कैसा लग रहा है?
बहुत अच्छा लग रहा है। अगर कुछ अलग-अलग करने का मौका मिले तो अच्छा लगता है। आपके साथ सन्नी, बॉबी जैसे बड़े कलाकार हों, सोनी एंटरटेनमेंट जैसा प्रोडक्शन हाउस आपके पीछे हो और धर्म पाजी जैसे सीनियर कलाकार इस फिल्म को प्रस्तुत कर रहे हों तो सब ठीक लगता है। फिल्म के ट्रेलर को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है इसलिए कहीं न कहीं लग रहा है कि जो हमने किया है वह ठीक-ठाक हो। इस फिल्म से मैंने कोशिश की है, मैं ये तो नहीं कह सकता कि मैं एक सफल डायरेक्टर बन गया हूं। मैं अभी भी एक एक्टर हूं। बतौर डायरेक्टर मैंने एक कोशिश की है। दर्शकों से मेरी गुजारिश है कहीं न कहीं अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ कर देना क्योंकि एक गलती तो भगवान भी माफ कर देता है।
अभिनय या निर्देशन दोनों में से कौन सा काम आसान लगा?
एक्टिंग तो मैं कई सालों से करता आ रहा हूं। दोनों में से काम तो कोई भी आसान नहीं है। दोनों में अपना-अपना हुनर दिखाना होता है। अभिनय में आप अलग-अलग किरदार निभा सकते हैं। डायरेक्शन का अपना एक अलग टैलेंट है। मैं पहली बार निर्देशन कर रहा हूं इसलिए मैंने बहुत सारी चीजें सीख ली हैं। अब जैसे एक निर्माता- निर्देशक किसी काम के लिए कहता है तो मैं समझ सकता हूं कि उस काम के पीछे उनकी क्या भावना होगी कि वह उस सीन को किस तरीके से सूट करना चाहते हैं। अभिनय और निर्देशन दोनों ही टैलेंटिड भी हंै और मजेदार भी हैं।
इस फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है?
एक छोटी न्यूज आई थी मराठी चैनल्स पर कि तीन बंदों के साथ यह घटना घटी थी। वे शायद तीनों कुली थे। उन तीन बंदों की नसबंदी वाले पोस्टर मेंं फोटो छप गई। उन तीनों की लाइफ में सब उल्टा-पुल्टा हो गया। लोगों ने उन तीनों का कैसे-कैसे मजाक उड़ाया होगा उसी थोट को लेकर हमने पूरी कहानी लिखी थी कि उनके साथ क्या हुआ होगा, वे तीन बंदे कौन होंगे, कहां रहते होंगे और अपने हक की लड़ाई कैसे लड़ेंगे।
सन्नी और बॉबी के साथ कैसा अनुभव रहा?
बहुत अच्छा रहा। दोनों बहुत अच्छे व बड़े कलाकार हैं। दोनों को इंडस्ट्री में काफी समय हो गया है, तजुर्बा है उनके पास। उनके सामने तो खैर मैं बच्चा हूं। दोनों का मार्गदर्शन भी मेरे लिए बेहद जरूरी था और सहयोग भी उतना ही जरूरी था। अगर ये बातें नहीं होती तो शायद ही हम यह फिल्म कंपलीट नहीं कर पाते।
आप किसी बायोपिक में काम करना चाहते हैं?
बहुत सालों से मेरी दिली तमन्ना है कि मैं किशोर दा की बायोपिक में काम करूं। अगर उनकी बायोपिक बने तो मैं उस फिल्म का हिस्सा बनूं यह मेरा ख्वाब है। मैं आशा करता हूं कि भगवान मेरा यह ख्वाब जरूर पूरा करेंगे।
इसके अलावा क्या कर रहे हैं?
पोस्टर ब्वायज तो 8 सितंबर को प्रदर्शित हो रही है। इसके अलावा मैं रोहित शेट्टी के साथ गोलमाल सीरिज की चौथी कड़ी गोलमाल अगेन में काम कर रहा हूं। गोलमाल अगेन भी इस दीवाली पर प्रदर्शित होने वाली है।