बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाया है लेकिन गठबंधन का मकसद पूरा होता नहीं दिख रहा है एसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकी विपक्ष को एक करने वाले नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन में अभी से दरार देखने को मिल रही है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है जिनकी तारीखों को एलान भी हो चुका है ।
मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन में आई दरार
जिसके बाद माना जा रहा था विपक्ष का इंडिय़ा मिलकर इन राज्यों में सीटों का बटवारा करेगा लेकिन एसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखो के एलाान के बाद कांग्रेस ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जिसके बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।
समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची जारी की
जिससे साफ लग रहा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में बात नहीं बन पाई। दोनों ही पार्टियों की तरफ से कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर सीटों का तालमेल होगा लेकिन नवरात्रि के पहले दिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में अन बन देखने को मिल रही है। पहले कांग्रेस ने एमपी के लिए 144 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की इसके बाद ही समाजवादी पार्टी ने भी 9 टिकटों की घोषणा कर दी।
कमेटी की बैठक के बाद भी नहीं बन रहा तालमेल
आपको जानकर हैरानी होगी की NDIA गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी की दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को मिलकर चुनाव लड़ना है। लेकिन उम्मीदावारों की लिस्ट आने के बाद सपा ने भी लिस्ट जारी कर दी है। इस मामले के बाद कमेटी की मीटिंग में कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने समाजवादी पार्टी के राज्य सभा सांसद जावेद अली खान को भरोसा दिया कि वे उनकी बात पार्टी हाईकमान के सामने रखी जाएगी।
सूरजेवाला ने कोआर्डिनेशन बनाने का दिया आश्वाशन
आपको बता दें कांग्रेस की तरफ से एमपी के प्रभारी रणदीप सूरजेवाला और समाजवादी पार्टी से सांसद रामगोपाल यादव को सीटों के बंटवारे पर बातचीत की जिम्मेदारी दी गई थी की वो आपस मे बातचीत करेक तय करें की दोनो पार्टीयों को किस सीट पर उम्मीदवार उतारने है पर जब लिस्ट जारी करने की बारी आई तो
दोनों ही पार्टियां ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली और आमने सामने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया।
समाजवादी पार्टी की बढ सकी है मुश्किलें
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की एम पी में मुश्किले और भी बढ सकती है क्योंकी कि कमलनाथ इस बार समाजवादी पार्टी के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. इसलिए सपा के साथ खेला हो सकता है। एसे मे ये साफ दिख रहा है कि विपक्ष के इंडिया गठबंधन मे दरार आ चुकी है । जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।