समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। वक्फ बोर्ड की जमीन मामले में पांच मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने खुली अदालत में फैसला सुनाया। हालांकि आजम के जेल से बाहर आने पर संशय बरकरार है। तीन दिन पहले ही आजम खां के खिलाफ दर्ज स्कूलों की मान्यता से संबंधित एक मामले में जेल में नोटिस तामिला कराया गया है।
आजम खान के खिलाफ 3 दिन पहले रामपुर में केस दर्ज
फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे 3 स्कूलों की मान्यता कराने के मामले में आजम खान के खिलाफ 3 दिन पहले रामपुर में केस दर्ज किया गया था। इस मुकदमे के वारंट को सीतापुर जेल में शामिल भी कराया जा चुका है। इस मामले को लेकर लगातार सुनवाई चल रही थी। जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाए जाने के आसार हैं।
हाईकोर्ट के जज राहुल चतुर्वेदी की बेंच इस मामले में फैसला लेगी। हालांकि इसके बाद भी आजम की मुश्किलें कम हो जाएंगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि आजम पर तीन दिन पहले ही एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसके बाद अगर उन्हें इस मामले में जमानत मिल भी जाती है तो आगे वह बाहर आएंगे या नहीं इसको लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
86 मुकदमों में उन्हें जमानत मिल चुकी
अभी तक आजम खान के खिलाफ 88 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें 86 मुकदमों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। 87वें मुकदमे को लेकर सुनवाई होनी है। ज्ञात हो कि बीते दिनों आजम खान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तल्ख टिप्पणी सामने आई थी।