लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी और यूपी के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने लखीमपुर की निचली अदालत में सरेंडर कर दिया है। आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में अपनी थार कार से किसानों को कुचलने का आरोप हैं। इससे पहले मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए जमानत खारिज कर दी थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 25 अप्रैल तक सरेंडर करने के आदेश दिए थे लकिन मिश्रा ने एक दिन पहले ही सरेंडर कर दिया।
सरेंडर करने के बाद आशीष मिश्रा को जेल भेजा गया
दरअसल, आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से मिली जमानत के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। जानकारी के मुताबिक आशीष मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर किया, जहां से उन्हें लखीमपुर खीरी जेल भेज दिया गया है। नाटकीय घटनाक्रम के तहत आशीष मिश्रा को चुपचाप सदर कोतवाली की जीप से जिला जेल ले जाया गया। जबकि, वारंट तिकुनिया थाने में भेजा गया था।
इस दिन होगी अरोपी की सुनवाई
3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी। जांच टीम ने मामले की जांच करते हुए 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। 26 अप्रैल को जिला अदालत में आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों को लेकर सुनवाई होनी है। पुलिस की गाड़ी में कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें पिछले दरवाजे से जेल ले जाया गया।
इलाहाबाद HC ने दी थी जमानत
बताते चले कि आरोप है यह कि जिस थार गाड़ी से कुचलकर किसानों की मौत हुई, उस पर आशीष मिश्रा सवार थे। इसमें केंद्रीय मंत्री गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था। आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में जमानत दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल 2022 को आशीष मिश्रा की बेल रद्द कर दी थी।