ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद मस्जिद सर्वे का वीडियो लीक हो गया। सर्वे की रिपोर्ट और वीडियो 4 पक्षकारों को सौंपे जाने के बाद वीडियो के लीक होने से हिन्दू पक्ष ने पल्ला झाड़ लिया। इसी कड़ी में एमआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने इसे कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए कहा है कि वीडियो फर्जी भी हो सकता है। सांसद ने कहा है कि यदि यह वीडियो सच भी है तो भी ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी।
ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट लीक, हिन्दू पक्ष बोला-हमारे लिफाफे अभी तक सीलबंद
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप लीक कर लो, कुछ भी कर लो। 1991 का ऐक्ट है। ऐक्ट के मुताबिक 1947 में मस्जिद थी, मस्जिद है और रहेगी।'' साथ ही ओवैसी ने कहा 'जो वीडियो मीडिया में चलाए जा रहे हैं, वो बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में तो जजों ने कहा कि मीडिया को नहीं चलाना चाहिए। यह सलेक्टिवली कौन दे रहा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल खड़े किए और पूछा कि पार्टी चुप क्यो हैं।
ओवैसी ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
ओवैसी ने आगे कहा, ''सबसे अहम सवाल यह कि कांग्रेस पार्टी जो मुझ पर आरोप लगाती है, गूंगी क्यों बनी हुई है। आप ही की सरकार ने यह कानून बनाया था। अगर आप 1991 के संसद की बहस देखेंगे तो उमा भारती ने चीख मारकर कहा था कि ज्ञानवापी का क्या होगा। बीजेपी वह मोशन हार गई। संसद की इच्छा में यह बात शामिल है ना। 1991 का ऐक्ट है, आप कुछ नहीं कर सकते। वीडियो कुछ भी होगा। 1991 में हमने कानून बना दिया। पहली बात तो मैं वीडियो नहीं मानता, हो सकता है एडिट किया गया हो। यदि वीडियो सच भी हो तो कानून है।