मिर्ज़ापुर में स्थित 178 साल पुराना गिरजाघर क्रिसमस त्योहार के लिए सज संवरकर तैयार है। क्रिसमस को लेकर इस गिरजाघर के संरक्षकों ने जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं और गिरजाघर को सजाया संवारा गया है। मिशन कंपाउंड में स्थित एमैनुअल चर्च के संरक्षक हर वर्ष ईसा मसीह का जन्मदिन मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और एक पखवाड़ा पहले ही इस गिरजाघर के सदस्य कैरोल गान शुरू कर देते हैं।
इस गिरजाघर की नींव फादर मैथ्यू विलियम ने 1844 में रखी थी
बृहस्पतिवार की शाम गिरजाघर के पादरी सुरेश मसीह की अगुवाई में क्रिसमस कैरोल ग्रुप कैरोल गाते हुए घर-घर पहुंचा। ऐसी मान्यता है कि इस कैरोल को सबसे पहले चरवाहों ने देवदूतों से ईसा मसीह के जन्म की खबर मिलने के बाद गाया था। इस ऐतिहासिक गिरजाघर के बारे में मसीह ने बताया कि इस गिरजाघर की नींव फादर मैथ्यू विलियम ने 1844 में रखी थी जिन्हें लंदन स्थित बोस्टन मिशनरी सोसाइटी ने मिर्ज़ापुर भेजा था। बाद में बाइबल मिशनरी सोसाइटी की मदद से निर्माण कार्य पूरा हुआ।
गिरजाघर के अनुयायी यहां एकत्रित होते हैं
यह गिरजाघर प्राचीन 'गोथिक’ शैली में बना है और इसे लाल और सफ़ेद रंग में रंगा गया है। गिरजाघर के अनुयायी यहां एकत्रित होते हैं और प्रार्थना करते हैं। संरक्षकों एवं स्थानीय लोगों की मदद से यह गिरजाघर आज स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। पादरी ने कहा कि इस गिरजाघर को क्रिसमस के लिए सजाया जा रहा है। फर्नीचर और दीवारें पेंट की जा रही हैं। हमने इस गिरजाघर के मुख्य हॉल में एक क्रिसमस ट्री लगाया है जिसे गुब्बारों, सितारों, घंटियों और सैंटा के कटआउट से सजाया गया है।