साल 2005 में अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले में प्रयागराज की विशेष अदालत ने 4 आरोपियों उम्रकैद और एक आरोपी को बरी किया है। मामले की सुनवाई नैनी सेंट्रल जेल में हुई। सुनवाई 9 जून को पूरी कर निर्णय सुनाने के लिए 18 जून की तारीख तय की गई थी।
पांच जुलाई 2005 को सुबह करीब सवा नौ बजे अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में असलहों से लैस आतंकी घुस गए थे। सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। दो निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इसके बाद हुई जांच में आतंकियों को असलहों की सप्लाई और मदद करने में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद व डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर पहले अयोध्या जेल में रखा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारागार नैनी (प्रयागराज) में दाखिल कर दिया गया।
अदालत ने मंगलवार दोपहर इस मामले में फैसला सुनाया। अदालत की तरफ से चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है, इसके अलावा उनपर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है। इसके अलावा पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है। इस मामले में कुल 63 गवाहों ने अपने बयान दर्ज करवाए थे, जिसमें 14 पुलिसकर्मी थे।
फैसले को देखते हुए अयोध्या में हाईअलर्ट जारी किया गया। आरएएफ और पीएसी की अतिरिक्त कंपनियां भी तैनात की गई हैं। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर आठ दिसंबर 2006 को यह केस फैजाबाद से प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया था।
प्रयागराज डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के स्पेशल जज अतुल कुमार गुप्ता ने 2 साल पहले मार्च महीने में इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि आतंकी हमले के साजिशकर्ता अरशद को मौके पर ही मार गिराया गया था। 5 जुलाई 2005 में हुए आतंकी हमले में दो लोग मारे गए थे, तो वहीं कुछ सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे।