उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर है। ऐसे में सभी सियासी दल अपने-अपने दांव पेच चल रहे है और जनता को लुभाने की पुरजोर कोशिश कर रहे है। लेकिन चुनावी मैदान में उतरे कुल 4,406 उम्मीदवारों में से 26 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह दावा किया गया।
2017 में 18 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे
वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में उतरे कुल 4,823 उम्मीदवारों में से 859 यानी 18 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे। एडीआर के अनुसार इस वर्ष 889 यानी 20 प्रतिशत ने अपने खिलाफ ‘‘गंभीर’’ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वर्ष 2017 में यह संख्या 704 यानी 15 प्रतिशत थी। एडीआर ने कहा कि कुल 4,406 उम्मीदवारों में से 1,142 यानी 26 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
प्रमुख दलों में समाजवादी पार्टी के कुल 347 उम्मीदवारों में 224 यानी 65 प्रतिशत, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 19 में से 11 यानी 58 प्रतिशत, और राष्ट्रीय लोक दल के 33 में से 19 यानी 58 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
भाजपा के 374 में से 169 उम्मीदवार
अन्य दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 374 में से 169 उम्मीदवार यानी 45 प्रतिशत ने, कांग्रेस के 397 में से 160 यानी 40 प्रतिशत ने, बहुजन समाज पार्टी के 399 में से 153 यानी 38 प्रतिशत ने, अपना दल के 17 में छह यानी 35 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी के 345 में से 62 यानी 18 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एडीआर ने कहा कि 69 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की घोषणा की है और इनमें से 10 बलात्कार से संबंधित हैं।
226 यानी 56 प्रतिशत सीटों को ‘‘रेड अलर्ट विधानसभा’’ की श्रेणाी मे
एडीआर के मुताबिक 37 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या जैसे संगीन अपराध के मामलों की घोषणा की है जबकि 159 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले हैं। एडीआर ने कहा कि राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 226 यानी 56 प्रतिशत सीटों को ‘‘रेड अलर्ट विधानसभा’’ की श्रेणाी मे रखा है। इस श्रेणी में वह विधानसभा सीटें आती हैं जहां तीन से अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हों।
समाजवादी पार्टी के 347 में 302 की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है
वर्ष 2017 में ऐसे विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 152 थी। एडीआर ने कहा कि देश के चुनावों में धनबल की भूमिका सर्वविदित है और पार्टियों द्वारा नेताओं को टिकट दिए जाने में इसका ख्याल भी रखा जाता है। एडीआर के मुताबिक राष्ट्रीय लोक दल के 33 में 31, भाजपा के 374 में 335, समाजवादी पार्टी के 347 में 302 की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है। बहुजन समाज पार्टी के 399 में से 315, अपना दल (सोनेलाल) के 17 में से 12 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 19 में से 13, कांग्रेस के 397 में से 198 और आम आदमी पार्टी के 345 में से 112 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़पति हैं।