राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा 34वां स्थापना दिवस 23 नवंबर, 2023 को पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. सोनल मानसिंह, माननीय संसद सदस्य, राज्य सभा तथा श्री संजय कुमार, आईएएस, सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में कल्याण सिंह, सभागार, नोएडा में मनाया गया। प्रो. शशिकला वंजारी, कुलपति, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान, प्रो. गिरीश नाथ झा, अध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और सुश्री कांता, यूएन वुमेन, भारत की उप प्रतिनिधि ने गणमान्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर समारोह की शोभा बढ़ाई। समारोह में अनेक संस्थाओं के उच्चाधिकारी, एनआईओएस अध्यक्ष सहित सभी विभागाध्यक्ष और एनआईओएस परिवार के कार्मिक एवं अनेक शिक्षार्थी उपस्थिति हुए। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ स्पूर्ति संतोष राव ने अत्यंत मधुरवाणी में सरस्वती वंदना की।
गीत और नृत्य के माध्यम से अद्वितीय रूप प्रस्तुत
इस अवसर पर पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. सोनल मानसिंह द्वारा नाट्य कथा "मीरा" को रस, संगीत और नृत्य के माध्यम से अद्वितीय रूप में प्रस्तुत किया गया। श्री संजय कुमार, आईएएस, सचिव (एसईएण्डएल) द्वारा एनआईओएस जेंडर नीति का विमोचन किया गया। प्रारंभिक स्तर पर हिंदी भाषा सीखने और संस्कृति का संवर्धन करने के लिए डॉ. सोनल मानसिंह द्वारा "आरंभिका पोर्टल" का उद्घाटन किया। साथ ही, एनआईओएस के सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए पेंशनधारक ई-पोर्टल का उद्घाटन किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से पेंशन धारक लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर पाएंगे और चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक पाने वालों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त एनआईओएस की पूर्व शिक्षार्थी सुश्री आस्था चौधरी, श्री ए. आर. अर्जुनस्वराज, पेंटिंग एवं आर्टिस्ट और सुश्री स्पूर्ति संतोष राव क्लासिक सिंगर को सम्मानित किया गया। एनआईओएस अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने सबका स्वागत करते हुए संस्थान की स्थापना के 34 वर्षों की यात्रा को रेखांकित किया और एनआईओएस की विशेष उपलब्धियों को भी प्रस्तुत किया और बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कहा कि एनआईओएस अनेक योजनाओं, समझौता ज्ञापनों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्येक संभावित शिक्षावंचित शिक्षार्थी को शिक्षित करने के लिए अनवरत कार्य कर रहा है। उन्होंने संवादात्मक अंग्रेजी पाठ्यक्रम के लिए एमडीआरएफ के साथ हाल ही में हुए समझौता ज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह पाठ्यक्रम भारत केंद्रित है। इसमें आम जीवन के उद्दहरण दिए गए हैं।
सुनने और बोलने के कौशल पर प्रमुख जोर दिया गया
इसमें सुनने और बोलने के कौशल पर प्रमुख जोर दिया गाया है। एनआईओएस का प्रत्येक शिक्षार्थी शैक्षिक विषयों के अध्ययन के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल भी प्राप्त कर सकता है। एनईपी – 2020 और एनसीएफ के अनुसार एनआईओएस की पाठ्य सामग्री को अद्यतन किया जा रहा है। एनआईओएस विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन मंच SWAYAM के माध्यम से अनेक व्यावसायिक पाठ्यक्रम करा रहा है। अग्निपथ योजना के अंतर्गत तीनों सेवाओं के साथ समझौता ज्ञापन कर एनआईओएस 'अग्निवीरों' को शिक्षा प्रदान कर उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हम कलाम के सिपाही हैं, कलम ही हमारा हथियार है। एनआईओएस का शिक्षार्थी ही हमारा महारथी और सारथी है। विद्या दान ही महादान है।
पूरे विश्व में ज्ञान का द्वीप प्रज्ज्वलित
श्री संजय कुमार, आईएएस, सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संबोधन में एनआईओएस को 34वें स्थापना दिवस समारोह पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एनआईओएस शिक्षावंचितों को शिक्षा प्रदान कर अत्यंत सराहनीय कार्य कर रहा है। प्रो. शशिकला वंजारी, कुलपति, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान ने अपने उद्बोधन में एनआईओएस के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की अत्यंत प्रशंसा की और कहा कि एनआईओएस पूरे विश्व में ज्ञान का द्वीप प्रज्ज्वलित कर रहा है। प्रो. गिरीश नाथ झा, अध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि यह संस्थान निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा और शिक्षा की ज्योति जलाता रहेगा।
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