Ayodhya News: अयोध्या में 42 किमी. तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़, क्या है 14 कोसी परिक्रमा?

Ayodhya 14 Kosi Parikrama: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली बार हो रही 14 कोसी परिक्रमा पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने राम मंदिर समेत 5 हजार मंदिरों के दर्शन किए।
Ayodhya News: अयोध्या में 42 किमी. तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़, क्या है 14 कोसी परिक्रमा?
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14 Kosi Parikrama : अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार 14 कोसी परिक्रमा हो रही है। इसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। इस दौरान लगातार राम नाम के जयकारे और गूंज सुनाई दे रहे हैं। शनिवार से शुरू हुई परिक्रमा में श्रद्धालु नंगे पांव आगे बढ़ रहे हैं। ये राम मंदिर के साथ पांच हजार मंदिरों के दर्शन कर रहे। बता दें, यह परिक्रमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि पर शाम 6:32 बजे शुरू हुई थी। परिक्रमा रविवार की शाम 4.44 बजे तक चली।

क्या है परिक्रमा की मान्यता?

14 कोसी परिक्रमा की मान्यता है कि कार्तिक मास की अक्षय नवमी पर रामनगरी की परिक्रमा करने से सारे पाप धुल जाते हैं। इस मान्यता को मानकर पूरे देश से लाखों श्रद्धालु 14 कोसी परिक्रमा में शामिल हुए। प्रशासन ने परिक्रमा के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बता दें, कार्तिक मास के पूरे समय में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होती है। इस समय कल्पवासी अयोध्या में कल्पास में रहते हैं। अक्षय नवमी की पुण्यतिथि पर भगवान श्रीराम की नगरी की सांस्कृतिक सीमा में भक्तों द्वारा 14 कोसी परिक्रमा की जाती है।

5 कोस की होती है परिक्रमा

14 कोसी परिक्रमा के बाद देव उठान एकादशी पर राम मंदिर की परिक्रमा की जाती है। यह परिक्रमा 5 कोस की होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 14 लोक होते हैं। सभी लोकों में से सबसे अहम मानव लोक है। इसके लिए मानव लोक की 14 कोस की परिक्रमा को पूरा करने से हमें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है।

मथुरा में भी अक्षय नवमी पर परिक्रमा

अक्षय नवमी पर अयोध्या के साथ मथुरा में भी पंचकोशीय परिक्रमा लगी है। शास्त्रों की मानें तो अक्षय नवमी पर मथुरा की पंचकोशीय परिक्रमा लगाए जाने का कई गुना अधिक फल मिलता है। इसे लेकर इस साल भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मथुरा की परिक्रमा लगाकर पुण्य लाभ कमाया।

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