उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य के किसानों के हित में अहम फैसला लेते हुए मंगलवार को 62 जिलों में 2100 नए राजकीय नलकूप लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कम वर्षा वाले जिलों के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त सरसों के बीज वितरित करने का भी निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संवाददाताओं से कहा कि इस परियोजना पर 839 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। यह योजना इसी साल से शुरू होगी और 2023-24 के अंत तक पूरी हो जाएगी। इससे सभी किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक नलकूप से 50 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। शाही ने कहा कि इस परियोजना से एक लाख पांच हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। इन नलकूपों के निर्माण में श्रमिकों द्वारा 31 लाख मानव दिवस सृजित किए जाएंगे। सिंचाई की दिक्कतों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह अहम कदम उठाया है।
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगी सुविधा
एक अन्य निर्णय के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कमजोर मानसून को ध्यान में रखते हुए मंत्रि-परिषद ने तोरिया बीज की दो किलो मिनी किट निःशुल्क वितरित करने का निर्णय लिया है। ऐसे दो लाख मिनी किट बांटे जाएंगे। 4000 क्विंटल तोरिया बीज का वितरण किया जाएगा और इस पर 4 करोड़ 57 लाख 60 हजार रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी। शाही ने कहा कि मुफ्त वितरण में छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी और 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों और शेष जिलों में अन्य किसानों को वितरित किया जाएगा। चयनित किसानों में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जायेगा। यह सुविधा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगी।
शाही ने कहा कि कम बारिश वाले जिलों के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर ये बीज दिए जाएंगे। इसका वितरण प्रखंड स्तर पर जनप्रतिनिधियों (सांसद-विधायक, ग्राम प्रधान) की उपस्थिति में किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इससे राज्य में चार लाख क्विंटल अतिरिक्त सरसों का उत्पादन होगा।