उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिल्सी तहसील क्षेत्र के एक गांव से आधार कार्ड को लेकर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति अपने बच्चे का एडमिशन कराने स्कूल पहुंचा तो शिक्षका ने उसका एडमिशन करने से इंकार कर दिया। क्योंकि आधार कार्ड पर बच्चे के नाम के स्थान पर ‘मधु का पांचवा बच्चा’ लिखा था। अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए डीएम दीपा रंजन ने जांच शुरू कर दी है।
डीएम दीपा रंजन ने कहा कि मामला बच्चे के आधार कार्ड बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा ‘घोर लापरवाही’ का संकेत देता है। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। विचाराधीन बच्चे को बिलसी के एक सरकारी स्कूल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया, क्योंकि उसके आधार कार्ड में उसका नाम ‘मधु का पांचवा बच्चा’ था। कार्ड में आधार नंबर भी नहीं था।
Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी ने की ‘स्कूल चलो अभियान’ की व्यापक शुरूआत, बोले- शिक्षा पद्धति होगी 5G
बच्चे के पिता दिनेश ने मंगलवार को कहा कि वह साक्षर नहीं है और कार्ड की विसंगतियों को समझ नहीं पा रहा है। उन्होंने स्थानीय संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने हमसे बच्चे का नाम पूछा और चूंकि हमने अभी तक उसका नाम नहीं रखा था, इसलिए हमने कहा कि वह हमारी पांचवीं संतान है। मुझे नहीं पता था कि यह बाद में एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा।
डीएम ने कहा कि डाकघरों और बैंकों में आधार कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। गलती घोर लापरवाही के कारण हुई है। हम बैंक और डाकघर के अधिकारियों को अलर्ट करेंगे और इस तरह की लापरवाही में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखने का प्रयास किया जाएगा कि क्या अन्य काडरें में भी इसी तरह की विसंगतियां हुई हैं।