इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाए जाने के मामले में आरोपी 5 पुलिसकर्मियों को फौरी राहत दी है। हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि सरकार के अभियोजन स्वीकृति पर निचली अदालत के निर्णय लेने तक इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कारवाई नही की जाएगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार एवं न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पीठ ने याचिकार्ता भवान सिंह गरव्याल व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिए है। याचिकार्ता की ओर से राज्य सरकार द्वारा अभियोजन स्वीकृति के दिए गए आदेशों की वैधता को चुनौती दी गई थी।
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याचिकार्ता की ओर से अधिवक्ता हर गोविंद सिंह परिहार ने कहा कि इस मामले में आला पुलिस अधिकारियों को बचाते हुए छोटे पुलिस अधिकारियों को गलत तरीके से फंसा दिया गया है। कोर्ट ने फिलहाल निचली अदालत के निर्णय लेने तक याचिकर्ताओं के खिलाफ दण्डनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी।
गौरतलब है कि 15 जुलाई 2009 को रीता बहुगुणा जोशी के सरोजिनी नायडू मार्ग स्थित आवास को जला दिया गया था। इस घटना को अंजाम देने का आरोप कुछ बसपा नेताओं पर है।