बिहार में पूर्व सीएम राबड़ी देवी की सुरक्षा घटाए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। दरअसल राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10,सर्कुलर रोड की सुरक्षा में तैनात बीएमपी-2 के 32 कमांडो को मंगलवार की देर शाम पुलिस मुख्यालय ने वापस बुला लिया। तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव नीतीश सरकार पर निम्त स्तर की राजनीति का आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा वापस लौटा दी है। तेजस्वी यादव ने एक बाद एक लगातार कई ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। हालांकि अभी मामले में नीतीश सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तेजस्वी यादव ने सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले पर कहा कि विगत दस महीने से सुरक्षा श्रेणी निर्धारित करने व उसे बढ़ाने के लिए कई बार गृह विभाग को लिखा गया है। लेकिन राजनीतिक विद्वेष के कारण इसमें वृद्धि करने बजाय कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुरक्षा गार्ड हटाया जाना बड़ी साजिश है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि हम डरपोक नहीं हैं कि जो अपनी सुरक्षा में 800 जवान तैनात रखते हैं। हमारे द्वारा लौटाए गए सुरक्षाकर्मियों को नीतीश कुमार अपनी सुरक्षा में तैनात कर लें। हम तो गरीब जनता के बीच रहने वाले लोग हैं।
तेजस्वी ने कहा कि मेरी माता श्रीमती राबड़ी देवी जी ने पूर्व CM की हैसियत से प्राप्त सुरक्षा, मेरे भाई को विधायक के नाते और मुझे नेता प्रतिपक्ष के नाते प्राप्त सुरक्षा को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को वापस सौंप रहे है ताकि वो तुच्छ ईर्ष्यालु कार्य छोड़ सकारात्मक कार्यों पर ध्यान केन्द्रित कर सके। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज दिन में नीतीश कुमार ने असंवैधानिक तरीक़े से मुझे नेता प्रतिपक्ष के नाते कैबिनेट मंत्री के समान प्राप्त अधिकारों को दरकिनार करते हुए सरकारी आवास ख़ाली करने का नोटिस निर्गत करवाया है और शाम को परिवार की सुरक्षा कटौती के लिए दूत भेज दिए।
इस बीच, सिंघल ने बताया कि विशेष शाखा की सुरक्षा समिति ही राज्य में किसी भी गणमान्य व अति विशिष्ट लोगों की जान पर खतरा और उनकी सुरक्षा का आकलन करती है। समय-समय पर इस समिति की बैठक में गणमान्य व अतिविशिष्ट लोगों की जान पर खतरा और उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जाती है। लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती व उनकी संख्या का निर्धारण भी इसी समिति के द्वारा किया जाता है। समिति ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सुरक्षा की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है।
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