उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर से शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन अब थम गया है तथा आज मंगलवार को पूरे राज्य में पूरी शांति है और जनजीवन सामान्य हो गया है। स्कूलों में आज तक छुट्टी है जबकि क्रिसमस को लेकर कल से ऐसे ही स्कूल बंद किये जा रहे हैं।
सोमवार को प्रदेश में शांति रही आज मंगलवार को जनजीवन पूरी तरह से सामान्य हो गया। इसबीच मेरठ और फिरोजाबाद में दो घायलों ने दम तोड़ दिया। इससे राज्य में मृतकों की संख्या बढ़ कर अब 21 हो गई है। उपद्रव में मेरठ में छह और फिरोजाबाद में चार लोग मरे हैं। पुलिस माहौल बिगाड़ने वालों पर शिकंजा कस रही है।
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राज्य में राजधानी लखनऊ,गोरखपुर समेत कई जगहों पर उपद्रव करने वालों के पोस्टर लगाये गये हैं। अब तक दो हजार पांच सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पांच हजार से ज्यादा लोगों को ऐहतियात के तौर पर पकड़ गया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने मंगलवार को कहा कि हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुलिस नहीं छोड़गी।
उन्होंने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की और कहा कि उन लोगों को पकड़ने में पुलिस की मदद करें जिनके पोस्टर हिंसा को लेकर जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा पुलिस किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं करेगी। राजधानी लखनऊ में 19 दिसम्बर को हिंसा का ये आलम था कि पुलिस महानिदेशक भी दंगाईयों के बीच फंस गये थे और पथराव करती भीड़ ने उन्हें घेर लिया था।
इस बीच बिजनौर में हिंसा के लिये उकसाने और इसमें शामिल होने के आरोप में जामा मस्जिद के मुलतवी जावेद आफताब,मदरसा के संचालक फुरकान और आदिल की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 25, 25 हजार रूपये का ईनाम रखा है। इन तीनों को भगोड़ घोषित कर दिया गया है। तीनों पिछले तीन दिन से फरार हैं। पुलिस ने मेरठ में 38 उपद्रवियों की पहचान की है और उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई चल रही है।