ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है। बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि अयोध्या मामले पर गत नौ नवम्बर को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कासिम रसूल इलियास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। मस्जिद की जमीन के बदले में मुसलमान कोई दूसरी जमीन स्वीकार नहीं कर सकते हैं और न्यायहित में मुसलमानों को बाबरी मस्जिद की जमीन दी जाए।
उन्होंने कहा, बोर्ड का मानना है कि मस्जिद की जमीन अल्लाह की है और शरई कानून के मुताबिक वह किसी और को नहीं दी जा सकती। उस जमीन के लिये आखिरी दम तक कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। जीलानी ने कहा कि 23 दिसंबर 1949 की रात बाबरी मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियां रखा जाना असंवैधानिक था तो सुप्रीम कोर्ट ने उन मूर्तियों को आराध्य कैसे मान लिया। वे तो हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार भी आराध्य नहीं हो सकते।
जीलानी ने यह भी बताया कि बोर्ड ने मस्जिद के बदले अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने से भी साफ इनकार किया है। बोर्ड का कहना है कि मस्जिद का कोई विकल्प नहीं हो सकता। एआईएमपीएलबी की लखनऊ में आज लंबी बैठक हुई। पहले तो ये बैठक नदवा इस्लामिक सेंटर में होनी थी, लेकिन एक शिक्षण संस्थान में मीटिंग करना एआईएमपीएलबी के कई सदस्यों को पसंद नहीं आया, इसके बाद बैठक लखनऊ के मुमताज कालेज में हुई।