कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए बुक की गई ट्रेनों को चलाए जाने की बीजेपी सरकारों द्वारा परमिशन न दिए जाने को उत्तर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने साजिश करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर मजदूरों से किराया वसूलने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लगभग 19 लाख मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। बीजेपी सरकार ने मजदूरों को मुफ्त में वापस पहुंचाने का भरोसा दिलाया था लेकिन हकीकत ये है कि बीजेपी और उससे संबंधित बिचौलिए मजदूरों से तय किराया से ज्यादा वसूल रहे हैं।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सूरत में अभी तक गुजरात कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों के लिए 12 ट्रेनें बुक की थी लेकिन वहां के कलेक्टर फाइल दबा कर बैठ गए हैं और ट्रेनों को उत्तर प्रदेश जाने नहीं दे रहे हैं। प्रदेश के 19 हजार 200 श्रमिक अकेले सूरत में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूरत से अमेठी,सुल्तानपुर, अयोध्या, फैजाबाद, गोण्डा, फैजाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज बलिया के लिए ट्रेन बुक की गई थी।
बयान में कहा गया है कि सूरत के जिलाधिकारी ने कहा है यदि उत्तर प्रदेश सरकार इन ट्रेनों को अपने राज्य में आने की अनुमति देगी तो वह इन ट्रेनों को भेज देंगे। उन्होंने कहा बीजेपी सरकारों पर इस मुद्दे पर राजनीतिक साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पहले भी उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से फंसे हुए मजदूरों का विवरण मांगा था और इस संबंध में अभी तक कई पत्र भी लिखे लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं मिला।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सूरत के अलावा गुजरात के वलसाड से 6 और भरूच से 5 ट्रेनों को इजाजत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वहीं, राजस्थान से कांग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी 13 ट्रेन से बलिया, गोरखपुर, फतेहपुर, जौनपुर, सहारनपुर, गाजीपुर, कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर के हजारों श्रमिक घर वापस आये हैं।
लल्लू ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि महामारी के समय राजनैतिक प्रतिद्वंदिता को एक तरफ रखकर श्रमिकों को घर वापस लाने पर विचार करे और कांग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी ट्रेनों को प्रदेश में आने से रोका न जाये। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से फंसे मजदूरों का विवरण प्रदान करने की अपील की ताकि कांग्रेस उन मजदूरों को घर वापस पहुंचाने में मदद कर सके।