उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर आरोप लगाया है कि जिस प्रकार कोरोना टेस्ट टाले जा रहे हैं, उससे वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश इस समय कोरोना के साथ-साथ कानून व्यवस्था की बिगड़ी हालत का भी शिकार है। जिस प्रकार कोरोना टेस्ट टाले जा रहे हैं, उससे वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है और अब कोरोना पीक कब आएगा कहा नहीं जा सकता। उन्होने सवाल किया सरकार बताए कि ऐसे में वह कोरोना-पीक से लड़ने की तैयारी कैसे करेगी।
उन्होने कहा कि कोरोना संकट में लॉकडाउन होने पर दूसरे प्रदेशों से आये श्रमिकों को भाजपा सरकार रोजगार नहीं दे सकी। ये श्रमिक फिर मुम्बई, सूरत, गुजरात, पंजाब में काम की तलाश में जाने लगे है। इन जगहों को जाने वाली ट्रेनों में जुलाई भर जगहें नहीं है। श्रमिक कहने लगे है कि अपने गांव में जीना मुश्किल है। जिस उम्मीद से लौटे थे निराशा हुई।
उप्र इस समय कोरोना के साथ-साथ क़ानून-व्यवस्था की भी बिगड़ी हालत का शिकार है.
जिस प्रकार ‘कोरोना-टेस्ट’ टाले जा रहे हैं, उसके कारण वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल रहा है और ‘कोरोना-पीक’ कब आएगा कहा नहीं जा सकता, तो फिर सरकार बताए कि ‘कोरोना-पीक’ से लड़ने की तैयारी वो कैसे करेगी. pic.twitter.com/QSeY366RCa
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 30, 2020
सपा अध्यक्ष ने कहा कि महिला सुरक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार पूर्णत: विफल साबित हो चुकी है। हत्या-बलात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं। अपराधी बेखौफ अपने धंधे चला रहे हैं। बरेली के फरीदपुर में एक छात्रा की हत्या कर उसका शव फेंका गया। उन्नाव में एक युवती का शव मिला। चित्रकूट में महिला से गैंगरेप की घटना हुई। बरखेड़ में घर में घुस कर युवती से बलात्कार किया गया।
दरअसल, भाजपा के बस में अपराध नियंत्रण नहीं रह गया है। सत्ता दल के नेता अपनी दबंगई दिखाने में पीछे नहीं है। अधिकारी तो एक कान से सुनकर उनकी बातें दूसरे कान से उड़ देते है। ठोको नीति के मंत्र की प्रशासन ने गांठ बांध ली है। नतीजतन उत्तर प्रदेश अपराधियों का पनाहगाह बनता जा रहा है।