उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ी सेंधमारी की है। दरअसल, 24 घंटे में अखिलेश यादव के परिवार से 2 लोगों ने दल बदल कर भाजपा का दामन थाम लिया है। इस पर अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के भीतर परिवार के पदचिन्ह को कम करने के लिए भाजपा को धन्यवाद दिया।
अखिलेश ने SP से परिवारवाद समाप्त करने के लिए BJP को किया धन्यवाद
यादव ने आज लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भाजपा को खुश होना चाहिए, वे हम पर परिवार (परिवाद) को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहते हैं, कम से कम वे हमारे परिवार में परिवारवाद को खत्म कर रहे हैं। मैं इसके लिए उनका आभारी हूं।” इसके साथ ही अखिलेश यादव ने गुरुवार को बड़ी चुनावी घोषणा करते हुए कहा कि सपा की सरकार बनने पर सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा।
सरकार बनने पर की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की घोषणा
अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक और अध्यापक सहित लगभग 12 लाख कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था बहाल होने से बड़ी राहत मिलेगी। इस दौरान कर्मचारी एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इसके अलावा उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिये ‘कैशलेस हेल्थ स्कीम’ भी चुनाव के बाद सपा सरकार बनने पर शुरु करने की घोषणा की।
‘यश भारती सम्मान’ को फिर करेंगे बहाल
उन्होंने कहा कि सपा की पिछली सरकार में सरकारी कर्मचारियों के लिये कैशलेस हेल्थ स्कीम को लागू करने की कार्ययोजना बनायी गयी थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसका सिर्फ नाम बदल दिया, मगर लागू अभी तक नहीं किया। अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिष्ठित ‘यश भारती सम्मान’ को भी फिर से व्यापक स्वरूप में बहाल किया जायेगा।
अखिलेश ने आउटसोर्सिंग को बताया खराब प्रथा
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने दुराग्रह से प्रेरित होकर यश भारती सम्मान को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनने पर राज्य स्तर पर यश भारती सम्मान और नगर स्तर पर ‘नगर भारती’ सम्मान भी शुरु किया जायेगा। अखिलेश ने रोजगार देने के नाम पर सरकारी विभागों में ठेके पर कर्मचारी रखने (आउटसोर्सिंग) को खराब प्रथा बताया। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग, अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश है। उन्होंने निजीकरण को भी गलत बताते हुये कहा कि मौजूदा सरकारें सब कुछ बेचने की कोशिश में हैं।