उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) ने गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से पार्टी के विधायक सुभाष पासी को निष्कासित कर दिया है। मंगलवार को सुभाष पासी ने थमा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कमल, बता दें कि उनके बीजेपी में शामिल होने से पहले ही सपा नेतृत्व ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
सुभाष पासी का निष्कासन SP के लिए साबित हो सकता है नुकसानदायक
बता दें कि सुभाष पासी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। हाल ही में सीतापुर से भाजपा के विधायक राकेश राठौर के अलावा बसपा के 6 निष्कासित विधायकों ने सपा का दामन थाम कर चुनाव पूर्व दलबदल की गतिविधियों को तेज कर दिया था। वहीं सपा के नेता रहे सुभाष पासी ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और कल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। आज वह भाजपा प्रभारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। सुभाष पासी के इस कदम के बाद सपा का गाजीपुर में बड़ा नुक्सान माना जा रहा है।
कुछ वक्त पहले सुभाष की पत्नी को सपा महिला सभा का राष्ट्रीय सचिव किया था नियुक्त
बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं के बीच सपा ने सुभाष पासी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। सपा की ओर से सुभाष पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। बता दें कि कुछ दिन पहले ही सपा ने सुभाष पासी की पत्नी रीना पासी को सपा महिला सभा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया था। सुभाष पासी मूल रूप से मालवीय नगर, नगर पंचायत सैदपुर, के रहने वाले हैं उनकी पत्नी रीना पासी जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्होंने वर्ष 1975 में पुणे बोर्ड महाराष्ट्र से हाईस्कूल तक की शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 2012 में चुनाव लड़े और विधायक बन गए।