उत्तर प्रदेश के झांसी में पुष्पेंद्र एनकाउंटर मामले में राजनीतिक पारा गरमाने लगा है। पीड़त परिवार से मुलाकात के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को जिले के मोंठ में आने वाले हैं। उनके इस दौरे और ग्रामीणों के बीच पूरे मामले को लेकर आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं।
पुलिस प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रहा है। पुलिस के लगातार बदले जा रहे बयानों के बीच परिजनों और ग्रामीणों में नाराजगी काफी अधिक है। सपा अध्यक्ष के दौरे के मद्देनजर पार्टी के क्षेत्रीय नेता मोंठ के करगुंवा गांव में पहुंचने लगे हैं।
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राजनीतिक गहमागहमी के बीच और पुलिस प्रशासन की बड़ी मौजूदगी में गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजन लगातार इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए साजिशन हत्या का आरोप पुलिस पर लगा रहे हैं। पीडितों का कहना है कि पुष्पेंद, के खिलाफ किसी थाने में एक भी मामला दर्ज नहीं हैं और उसे पुलिस ने माफिया बताकर मार दिया है।
पुलिस ने पुष्पेंद, की हत्या की है जिसे एनकाउंटर का नाम दिया जा रहा है। उनकी मांग है कि दोषी कोतवाली प्रभारी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अपनी इसी मांग पर अडिग रहते हुए उन्होंने शव को लेने से इंकार कर दिया था।
परिजनों को समझाने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों ने तीन दौर की वार्ता की लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद पुलिस ने रातों रात पुष्पेंद, का अंतिम संस्कार कर दिया था। परिजन अब भी पुलिस के खिलाफ मुकदमें की मांग पर आड़े हैं और सपा अब पूरे मामले में खुलकर पीडित पक्ष के साथ कड़ी नजर आ रही है। इसी क्रम में पार्टी अध्यक्ष का गांव का दौरा हो रहा है।