विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा।
महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है। pic.twitter.com/22HJpZnBEv
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 23, 2022
विपक्ष के नेता की संभाल सकते हैं जिम्मेदारी
सपा प्रमुख ने ट्वीट में कहा, महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ संघर्ष के लिए ये त्याग जरूरी है। ऐसी अटकलें हैं कि अखिलेश प्रदेश विधानसभा में । गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से सांसद चुने गए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अखिलेश ने मैनपुरी की करहल और आजम ने रामपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।
विधानसभा चुनाव में सपा को मिली है 111 सीटें
विधानसभा चुनाव में सपा को जीत नहीं मिल पाई और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल कर लिया।सपा को 111 सीटें मिलीं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को आठ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को छह सीटें प्राप्त हुई। दूसरी ओर, भाजपा ने अकेले 255 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया, जबकि उसकी अगुवाई वाले गठबंधन को कुल 273 सीटें मिली हैं।