समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को भाजपा से सावधान रहना चाहिए क्योंकि सत्तारूढ़ दल की सरकार ने सिर्फ वोट की खातिर विवादास्पद कृषि कानून वापस लिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-रालोद गठबंधन की सरकार आने पर राज्य में इस तरह के किसी भी किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा।
रालोद और सपा मिलकर लड़ रहे हैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री यहां राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। रालोद और सपा मिलकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं से संपर्क साध रही है। इस क्षेत्र से समुदाय के सदस्यों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर चले प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
भाजपा नेताओं ने रालोद प्रमुख से अपनी पार्टी से हाथ मिलाने को भी कहा था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ एक बैठक की थी।
जयंत ने कहा कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बहुत मजबूत है और किसानों के हितों के लिए काम करने का लक्ष्य रखता है।
भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो कोई चीज कहे बगैर कानून ले आती है -अखिलेश
अखिलेश ने कहा, ‘‘भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन वह किसान विरोधी तीन कानून ले आई। किसानों ने सरकार को इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। भाजपा ने वोट की खातिर इन कानूनों को वापस लिया। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो कोई चीज कहे बगैर कानून ले आती है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी राज्य में इस तरह का कोई कानून लागू नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि जयंत, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और दिवंगत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के सिद्धांत पर चलकर किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों की पैरोकारी को आगे बढ़ा रहे हैं।
जयंत ने कहा कि पहले लोगों को संदेह था कि क्या दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा।
उन्होंने अपने दादा चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा, ‘‘हमारा मेल काफी पहले हो गया था। हम उप्र का विकास करना चाहते हैं और गठबंधन किया क्योंकि हम चौधरी चरण सिंह की लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं।’’
अखिलेश संवाददाता सम्मेलन के लिए मुजफ्फरनगर देर से पहुंचे। उन्होंने इससे पहले दिन में दावा किया था कि वह दिल्ली में फंस गए थे क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने एक ट्वीट में पृष्ठभूमि में एक हेलीकॉप्टर के साथ अपनी तस्वीर साझा की। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘मेरे हेलीकॉप्टर को अभी भी बिना कोई कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहाँ से रवाना हुए हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है। जनता सब समझ रही है।’’
इसके घंटे भर बाद यादव ने उड़ान के लिए तैयार होने की बात कहते हुए एक और ट्वीट किया ” सत्ता का दुरुपयोग हारते हुए लोगों की निशानी है– समाजवादी संघर्ष के इतिहास में ये दिन भी दर्ज होगा। हम जीत की ऐतिहासिक उड़ान भरने जा रहे हैं।”
अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सपा-रालोद के सरकार में आने पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी और सिंचाई शुल्क भी माफ होगा। सपा प्रमुख ने कहा कि उनके गठबंधन की सरकार के आने पर किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए सरकार की तरफ से जो इंतजाम करने पड़ेंगे, वे किए जाएंगे।
अखिलेश ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि किसानों को गन्ने के भुगतान के लिए इंतजार न करना पड़े।
इस दौरान जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रशासन रालोद-सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है।