ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर लगातार हो रही राजनीति के बीच वाराणसी की अदालत में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ 'धार्मिक भावनाएं' भड़काने के आरोप में मामला दर्ज करने के लिए अर्जी डाली गई है। इस आवेदन में यह मांग की गई है कि अदालत पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे।
धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे नेता
अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने कहा कि राजनीति जगत के यह बड़े नेता ज्ञानवापी मस्जिद और काशी-विश्वनाथ मंदिर परिसर के नाम पर धार्मिक भावनाएं भड़काकर वाराणसी का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए। पांडे ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर टिप्पणी नहीं करने के बावजूद ये नेता वोट के लिए लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पिछले हफ्ते कानपुर में अखिलेश यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और असदुद्दीन ओवैसी के पुतले फूंक दिए।
जानें ज्ञानवापी मामले में किस नेता ने क्या कहा?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है और मुसलमानों में डर पैदा करने की कोशिश कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा, ''हमारे हिंदू धर्म में एक पीपल के पेड़ के नीचे एक पत्थर रख दो, झंडा रख दो, मंदिर बन जाता है।'' इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "भाजपा वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर देश में एक नया नाटक बना रही है।"
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के साथ अयोध्या में बाबरी मस्जिद जैसा हाल नहीं होने देंगे। ओवैसी ने आगे कहा कि "गोडसे के भक्त (नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी के हत्यारे)" हिजाब, जॉब जिहाद और अन्य जैसे मुद्दों का आह्वान करके मुसलमानों के खिलाफ देश में नफरत फैला रहे हैं।
धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे नेता
अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने कहा कि राजनीति जगत के यह बड़े नेता ज्ञानवापी मस्जिद और काशी-विश्वनाथ मंदिर परिसर के नाम पर धार्मिक भावनाएं भड़काकर वाराणसी का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए। पांडे ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर टिप्पणी नहीं करने के बावजूद ये नेता वोट के लिए लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पिछले हफ्ते कानपुर में अखिलेश यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और असदुद्दीन ओवैसी के पुतले फूंक दिए।
जानें ज्ञानवापी मामले में किस नेता ने क्या कहा?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है और मुसलमानों में डर पैदा करने की कोशिश कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा, ''हमारे हिंदू धर्म में एक पीपल के पेड़ के नीचे एक पत्थर रख दो, झंडा रख दो, मंदिर बन जाता है।'' इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "भाजपा वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मुद्दे पर देश में एक नया नाटक बना रही है।"
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के साथ अयोध्या में बाबरी मस्जिद जैसा हाल नहीं होने देंगे। ओवैसी ने आगे कहा कि "गोडसे के भक्त (नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी के हत्यारे)" हिजाब, जॉब जिहाद और अन्य जैसे मुद्दों का आह्वान करके मुसलमानों के खिलाफ देश में नफरत फैला रहे हैं।

आज जिला कोर्ट सुनाएगा अपना फैसला
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कुएं के अंदर शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे खिलाफत करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम पक्ष के फव्वारे वाली बात का समर्थन करते हुए कहा था कि वह कला पत्थर शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है जो सभी वजूखाने में होता है। बता दें कि जिला कोर्ट ने इस मामले में कल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था आज इस विवाद पर फैसला दिया जायेगा। अब देखना यह होगा कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में से पहले किस केस पर सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कुएं के अंदर शिवलिंग मिलने के हिंदू पक्ष के दावे खिलाफत करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम पक्ष के फव्वारे वाली बात का समर्थन करते हुए कहा था कि वह कला पत्थर शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है जो सभी वजूखाने में होता है। बता दें कि जिला कोर्ट ने इस मामले में कल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था आज इस विवाद पर फैसला दिया जायेगा। अब देखना यह होगा कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में से पहले किस केस पर सुनवाई की जाएगी।
