भीम सेना के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर बीजेपी का ‘‘एजेंट’’ होने का बुधवार को आरोप लगाया और कहा कि यदि उनकी उम्मीदवारी से दलित आंदोलन को नुकसान पहुंचता है तो वह वाराणसी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
आजाद ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब कुछ दिन पहले जयपुर में एक जनसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें ‘‘बीजेपी का एजेंट’’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि वह दलित मतों को बांटने की बीजेपी की साजिश के तहत वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। मायावती की पार्टी बसपा ने बीजेपी को टक्कर देने के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है।
भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘‘अखिलेश यादव ने दलितों पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों को पदोन्नति दी। उनके पिता संसद में कहते हैं कि वह चाहते हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें। मैं नहीं, वे बीजेपी के एजेंट हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सवाल उठाया, इसलिए वे मुझे एजेंट कह रहे हैं। हां, मैं बी आर आम्बेडकर का एजेंट हूं… यदि मेरे अपने लोग मेरे रास्ते में नहीं होते, तो मैंने आपको (अखिलेश) दिखा दिया होता कि यदि हम आपको वोट देकर सत्ता में ला सकते हैं तो हम आपको सत्ता से बाहर भी कर सकते हैं।’’
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चंद्रशेखर आजाद ने यह भी दावा किया कि मायावती को उनके महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ‘‘गुमराह’’ कर रहे हैं। मिश्रा बसपा का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी तरह ‘‘मजबूत’’ होते हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। वाराणसी मोदी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है।