आयकर विभाग (IT) ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं के घर और दफ्तर पर छापेमारी की। आईटी की इस कार्रवाई को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि चुनाव में हार के डर से बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ है जो चुनाव से पहले अपने विरोधियों को डरवाने के लिए उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती थी।
अखिलेश ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ शनिवार को आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई अपेक्षित थी। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे चुनाव करीब आयेंगे, चुनावी हार को करीब आते देख कर बीजेपी सीबीआई और ईडी सहित तमाम जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने विरोधियों को डराने के लिए करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार न बन जाये, इसके लिए जांच एजेंसियों को बीजेपी आगे करती है। जहां-जहां बीजेपी को हार का डर सताने लगता है, वहां यही हथकंडा अपनाया जाता है। भाजपा भी अब कांग्रेस के रास्ते पर जा रही है।’’
योगी UP के लिए उपयोगी नहीं अनुपयोगी
अखिलेश ने दावा किया कि बीजेपी कुछ भी कर ले, चुनाव के बाद योगी सरकार बचेगी नहीं, क्योंकि मुख्यमंत्री पूरी तरह से ‘अनुपयोगी’ साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य का बहुत नुकसान किया है। इसलिये जनता अब उन्हें माफ नहीं करेगी।
गौरतलब है कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास समारोह में योगी सरकार की तारीफ करते हुए नया नारा दिया था ‘यूपी+योगी, बहुत है उपयोगी।’ अखिलेश ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा ‘‘योगी यूपी के लिए उपयोगी नहीं अनुपयोगी हैं।’’
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सपा अध्यक्ष ने गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करने पर बीजेपी की मंशा को सवालों के घेरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘‘‘टेनी के बारे में कौन नहीं जानता है कि उनके खिलाफ क्या आरोप हैं। लखीमपुर हिंसा मामले में किसानों और पत्रकारों की जान चली गयी। गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे पर उंगली उठी है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार उन्हें क्यों बचा रही है।’’
निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा संजय निषाद द्वारा बीजेपी से निषाद समुदाय के लिये आरक्षण की मांग उठाने से पीछे नहीं हटने पर अखिलेश ने कहा कि निषादों की यह मांग जायज है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि निषाद समाज ने अपनी मांगे नहीं छोड़ जबकि यूपी की ‘अनुपयोगी सरकार’ ने उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए उन पर बहुत दबाव डाला।’’