उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत नेपाल सीमा के नोमैन्स लैंड पर जन्मे बच्चे “बार्डर” को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भेजी है। सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण यादव ने सोमवार को बताया कि बहराइच की मोतीपुर तहसील अंतर्गत झालाकलां ग्राम पंचायत के पृथ्वीपुरवा का निवासी लालाराम और उसकी पत्नी जान्तारा नेपाल के नवलपरासी जिले के एक ईंट भट्ठे पर मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार चला रहे थे।
उन्होंने बताया कि दम्पति के तीन बच्चे हैं, पिछले दिनों भट्ठे पर मजदूरी नहीं मिलने पर भुखमरी की स्थिति से बचने को लालाराम अपनी गर्भवती पत्नी और बच्चों के साथ भारत-नेपाल सीमावर्ती सोनौली बार्डर की नोमैन्स लैंड पर भारत आने वालों की लाइन में खड़ा था तभी उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी। वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने चादर का पर्दा लगाकर वहीं पर जान्तारा का प्रसव कराया। पुत्र के पैदा होने पर उसके माता पिता ने उसका नाम “बार्डर” रख दिया।
पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने मां-बेटे को तत्काल भारतीय सीमा में लेकर भारतीय क्षेत्र में स्थित पास के नौतनवा सीएचसी में भर्ती कराया। जहां से जच्चा-बच्चा स्वस्थ होकर रविवार को बहराइच जिले में अपने गांव पहुंच चुके हैं। सपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने लालाराम और जान्तारा को 50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
अखिलेश ने रविवार को नाम लिए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते दिनों लिखी चिट्ठी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था “आग्रह है कि नेपाल भारत सीमा के बीच जन्मे ‘बार्डर’ और मुंबई से उत्तर प्रदेश आ रहे ट्रेन में जन्मे ‘लाकडाउन’ और ‘अंकेश’ के भविष्य के बारे में भी कोई एक सच्ची चिट्ठी लिखे। बीते छः वर्षों में देश की बदहाली पर भाजपा सरकार चिट्ठी नहीं, श्वेत पत्र जारी करे।”
आग्रह है कि नेपाल-भारत की सीमा के बीच जन्मे ‘बार्डर’ और मुंबई से उप्र आ रहे ट्रेन में जन्मे ‘लॉकडाउन’ व ’अंकेश’ के भविष्य के बारे में भी कोई एक सच्ची चिट्ठी लिखे.
पिछले छह वर्षों में हुई देश की बदहाली के लिए भाजपा सरकार चिट्ठी नहीं श्वेतपत्र जारी करे. pic.twitter.com/Q0Cp1ivI6Q
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 31, 2020
गौरतलब है कि मोदी ने दो दिन पूर्व जनता के नाम चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में उन्होंने अपनी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां बताई थीं।