इजराइल के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी वाले मामले को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर है। हालांकि केंद्र पेगासस के जरिए जासूसी कराने के आरोपों को खारिज कर चुकी है। मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि फोन टैप कराकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट किया, “फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम बीजेपी करवा रही है तो यह दंडनीय है और अगर बीजेपी सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी नाकामी है। फोन-जासूसी लोकतंत्र में एक अपराध है।”
फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है।
फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2021
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर संभवत: हैक किए गए हैं।
वहीं केंद्र ने इस तरह के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को गलत बताते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।